rajasthanone Logo
Rajasthan Education: राजस्थान में स्कूली बच्चों में साक्षरता को बढ़ावा और सुधार देने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षा राजस्थान अभियान शुरू किया जा रहा है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

Rajasthan Education: स्कूली बच्चों में साक्षरता और पठन कौशल में सुधार को लेकर राजस्थान शिक्षा विभाग में बड़ा कदम उठाया है। दरअसल 5 सितंबर से मुख्यमंत्री शिक्षा राजस्थान अभियान शुरू होने जा रहा है। पठन और बौद्ध क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से इस कदम को उठाया जा रहा है। यह अभियान 90 दिनों तक चलेगा और 5 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा।

कमजोर शिक्षार्थियों पर ध्यान 

इस अभियान का उद्देश्य कक्षा 3 से 8 तक के उन छात्रों पर ध्यान केंद्रित करना है जिन्हें अपनी कक्षा के स्तर पर पढ़ने में कठिनाई होती है। इस कार्यक्रम में शाला सम्मेलन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित ओआरएफ मूल्यांकन के जरिए से पहचाने गए बच्चे शामिल हैं। 

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त अनुपमा जोरवाल ने एक आदेश जारी किया है। उस आदेश का स्पष्ट लक्ष्य है कि अभियान अवधि के अंदर निर्दिष्ट कक्षाओं के सभी छात्रों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता हासिल की जाए।

12 हफ्तों की संरक्षित शिक्षा 

व्यक्तिगत शिक्षण को सुनिश्चित करने के लिए छात्रों को उनकी पठन क्षमता के अनुसार ही तीन समूह में विभाजित किया जाएगा।

पहला समूह: वे छात्र जिन्हें स्वरों और अक्षरों की पहचान करने में कठिनाई होती है। 

दूसरा समूह: वे छात्र जिन्हें शब्दों को ठीक से पढ़ने में दिक्कत महसूस होती है। 

तीसरा समूह: वे छात्र जो पढ़ तो सकते हैं लेकिन रुक-रुक कर पढ़ते हैं और वाक्य या फिर सरल पाठों को धारा प्रवाह नहीं पढ़ सकते। 

अपेक्षित परिणाम 

इस अभियान का उद्देश्य इस बात को सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा बुनियादी साक्षरता और अंकगणित में पीछे ना रहे। ताकि उच्च कक्षा में बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन का मार्ग प्रशस्त हो सके।

यह भी पढ़ें...Phalodi Education: अब विद्यार्थीयों को मिलेगी आधुनिक शिक्षा, सीख पाएंगे 3D प्रिंटिंग, रोबोटिक्स व कोडिंग, जानें कैसे

5379487