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Rajasthan Village: राजस्थान का देवरा गांव नागौर और सीकर जिले में विभाजित किया गया है। इस गांव के आधे लोग सीकर के कहलाते तो वहीं आधे लोग नागौर के कहलाते है। यहां का ऐतिहासिक देवनारायण मंदिर भी दोनों जिलों में बंटा हुआ है।

Rajasthan Village: राजस्थान का देवरा गांव नागौर और सीकर जिले को मिलाकर स्थापित किया गया है। दोनों जिले की सीमा पर स्थित होने के कारण इस गांव के आधे लोग सीकर के कहलाते तो वहीं आधे लोग नागौर के कहलाते है। खास बात यह है कि इसका नाम दोनों जिलों से जुड़ा हुआ है। साथ ही इस गांव में दो कलेक्टर नियुक्त होते हैं। फिरवासी की ओर से यह गांव एक किलोमीटर सड़क मार्ग से सटा हुआ है और तीन ओर से सीकर की सीमा जुड़ी हुई है। 

अलग-अलग होते हैं मतदान 

इस गांव में दो पंचायत मुख्यालय स्थित है, नागौर जिले में लाछड़ी पंचायत मुख्यालय है, वहीं सीकर की ओर से ढहर का बास पंचायत मुख्यालय है। अनोखी बात यह है कि दो जिले होने से यहां आधे गांव वासी सीकर के चारण का बास में वोट करते हैं, वहीं आधे गांव वाले नागौर की ओर फिरवासी बूथ में मतदान करते हैं। साथ ही कुछ ऐसे परिवार भी जिनके कुछ सदस्य नागौर में वोट करते हैं तो कुछ सीकर में मतदान करते हैं। 

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दो जिलों में बंटा हुआ है यह ऐतिहासिक मंदिर 

गांव का ऐतिहासिक देवनारायण मंदिर दोनों जिलों में बंटा हुआ है। इसका कुछ भाग नागौर में आता है, तो वहीं कुछ हिस्सा सीकर जिले में पड़ता है। यहां हर साल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से लोग दर्शन करने पहुंचते है। इस दौरान युवाओं में विभिन्न प्रतियोगिताएं भी कराई जाती है। 

गांव के बंटवारे को लेकर हो चुकी है लड़ाई

गांव के निवासी मंगेज राम गुर्जर ने बताया कि करीब 600 साल पहले इस गांव के बंटवारे को लेकर जोधपुर और जयपुर रियासतों के बीच विवाद भी हुआ था। बताया जाता है कि देवनारायण भगवान ने मंदिर के पंडित को दर्शन देकर मंदिर को दो हिस्सों में बांटने को कहा। मंदिर का उत्तर भाग जोधपुर रियासत को दिया गया वहीं दक्षिण भाग जयपुर रियासत को दिया गया था।

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