Sukh Mahal: जब भी हम राजस्थान की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में यहां की चिलचिलाती गर्मी जरूर आती है। इस साल भी यहां का तापमान काफी ज्यादा रहा। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी जगह के बारे में जो राजा महाराजाओं के गर्मी से बचने का एक जरिया हुआ करती थी। सदियों पहले महलों की वास्तुकला कुछ इस तरह हुआ करती थी जो गर्मी से बचने में काफी मदद किया करती थी। इसका एक शानदार नमूना है बूंदी का सुख महल।
गर्मियों के लिए एक आश्रय
इस महल का निर्माण राव राजा विष्णु ने करवाया था। इसे ग्रीष्मकालीन निवास के रूप में डिजाइन किया गया था। जैत सागर झील के किनारे पर बसा यह महर महज दो मंजिला बना हुआ है। लेकिन इसकी राजस्थानी वास्तुकला की बुद्धिमत्ता और कलात्मक लोगों को अचंभित कर देती है।
यहां सिर्फ खूबसूरत ही नहीं है बल्कि इसका क्लाइमेट डिजाइन भी काफी स्मार्ट है। इसे प्राकृतिक वेंटीलेशन को ध्यान में रखकर बनाया गया था। जींद से ठंडी हवा सीधे अंदरूनी हिस्सों में प्रवाहित होती है। भयंकर गर्मी के दौरान भी यह महल आश्चर्यजनक तरीके से ठंडा रहता है। इसके खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए यहां पर सफेद संगमरमर के छतरियां और जटिल नक्काशी गई है। यहां पर बूंदी के राजा शिकार के बाद विश्राम करने आते थे।
आधुनिक इमारतें बनाम पारंपरिक तरीके
अगर इसकी तुलना आज के शहरी निर्माण शैलियों से की जाए तो जमीन आसमान का फर्क है। आजकल अधिकांश आधुनिक इमारत का निर्माण कंक्रीट की दीवारों और सील बंद खिड़कियों से किया जाता है। यही कारण है की इमारतें गर्मी को विक्षेपित करने के बजाय उसमें फसती हैं। प्राकृतिक हवा की जगह अब एयर कंडीशनर ने ले ली है।
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में कम हरियाली और खराब वायु प्रवाह के कारण भी गर्मियों के दौरान लोगों को काफी ज्यादा असुविधा होती है।
सुख महल एक ऐतिहासिक स्मारक
सुख महल स्थाई वास्तु कला का एक जीवंत सबक है। इसका प्राकृतिक डिजाइन हमें यह समझता है कि हम पर्यावरण के साथ मिलकर भी खूबसूरत संरचनाएं बना सकते हैं।
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