Chamunda Mata Mandir : भारत में अनेकों आस्था के केन्द्र मौजूद है जो अपने चमत्कार और रहस्यों के लिए जाने जाते हैं। समय समय पर भारत के मंदिरों की आस्था के कई ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं। आस्था ही है जो इंसान को भगवान से जोड़ता है। ऐसे ही राजस्थान के सिरोही जिले के चंद्रावती नगर में चामुंडा माता का मंदिर बसा हुआ है। मंदिर लगभग 100 साल पुराना है। नवरात्रि के समय यहां भक्तों की झलक देखने को मिलती है। भारी संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए उमड़ते है। राजस्थान के प्राचीनतम मंदिरों में ये मंदिर शामिल है। कहां जाता है कि मंदिर में जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर आते हैं उनकी मुराद अवश्य पूरी होती है। मंदिर में हर साल वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है। कई भक्त सिर्फ मिलने के समय माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
मंदिर तक पहुंचाने के लिए अब नया रास्ता
पहले मंदिर तक पहुंचाने के लिए भक्तों को थोड़ा कष्ट झेलना पड़ता था। 150 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ती थी मंदिर तक पहुंचाने के लिए। लेकिन अब ये रास्ता आसान हो गया है।आपको एनएच-27 से चंद्रावती गांव में आना होगा। मंदिर तक पहुंचने के लिए वाहनों का भी सहारा ले सकते हैं।
मुगल आक्रांताओं ने मंदिर को कई बार लुटा
मंदिर चंद्रावती नगर में बसी हुई है। यह सिरोही रियासत की राजधानी हुआ करती थी । उसे समय इसके वैभव की चर्चा आसपास के रियासतों में भी थी। चंद्रावती नगर गुजरात जाने वाले रास्ते में पड़ता है। जिस कारण से कई बाल मुगल अक्रांताओं ने मंदिर को लूटा है। यहां और भी कई मंदिर मौजूद थे। खुदाई के दौरान कई अवशेष प्राप्त हुआ। खुदाई के दौरान मिली कई मूर्तियों को चंद्रावती म्यूजियम और माउण्ट आबू के राजभवन म्यूजियम में रखा गया है।
सीढ़ी चढ़ कर जाने पर होती है मन्नत पूरी
मंदिर में आस्था रखने वाले भक्तों का मानना है। सीढ़ी से चढ़कर अगर कोई भक्त माता के दरबार में पहुंचता है और सच्चे मन से कोई मुराद मांगता है तो माता उसकी मुराद अवश्य पूरी करतीं है।
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