Bharatpur Cricketer Karthik: क्रिकेट में करियर बनाना अधिकांश युवाओं का सपना होता है। भले ही कोई क्रिकेट खेलता तक नहीं हो, लेकिन फिर भी इस खेल से प्रभावित जरूर होता है और सोचता है कि काश मैं भी एक क्रिकेटर होता। लेकिन सपना सिर्फ देखने से पूरे नहीं होते, इसीलिए राजस्थान के भरतपुर जिला के रहने वाले कार्तिक ने इस सपने को पूरा करने के लिए पूरा दमखम लगा दिया।
यहां तक कि उनके पिता ने 26 लाख रुपए का कर्ज लिया, ताकि वह अपने बेटे को क्रिकेटर बन सके, आखिरकार पिता और बेटे दोनों की मेहनत ने रंग लाई और कार्तिक आज राजस्थान का एक मशहूर क्रिकेटर के रूप में उभरा है।
कार्तिक ने RCB कैंप में दिखाया दम
कार्तिक सिर्फ राजस्थान के लिए नहीं, बल्कि जल्द ही आईपीएल में भी खेलते नजर आ सकते हैं। आपको बता दें कि कार्तिक को आरसीबी कैंप में बुलाकर प्रैक्टिस करवाया गया है। वह हर दिन 500-600 गेंदे नेट में खेल रहा है। आईपीएल का 19वां सीजन शुरू होने में अभी भले ही लंबा वक्त हो, लेकिन सभी आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने युवाओं पर दांव लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
इसी क्रम में आरसीबी ने कार्तिक को अपने कैंप में नेट बल्लेबाज के रूप में शामिल किया और उसे खिलाया। कार्तिक के पिता ने बताया कि आरसीबी के बाद अब चेन्नई ने भी कार्तिक को अपने कैंप में खेलने के लिए बुलाया है।
आर्यन को मिला मथुरा दास माथुर अवार्ड
यहां तक की आरसीबी के पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने भरतपुर के कार्तिक को डिनर पर अपने घर आमंत्रित किया। कार्तिक न सिर्फ जूनियर टीम में बल्कि, सीनियर टीम में भी छक्के चौकों की जबरदस्त बारिश कर रहा है, जिसके कारण आज उनका नाम देशभर में मशहूर हो गया है।
अब वह दिन दूर नहीं जब बिहार के वैभव सूर्यवंशी की तरह ही कार्तिक भी आईपीएल फ्रैंचाइजी के लिए खेलते नजर आ सकते हैं। बीते शनिवार को उन्हें 32 में मथुरा दास माथुर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड उसे जूनियर कैटेगरी में मिला है। इस सफलता के पीछे उनके और उनके पिता की अद्भुत कुर्बानी और संघर्ष शामिल है।
कभी स्कूल भी गया कार्तिक- पिता मनोज
उनके पिता मनोज शर्मा ने बताया कि कार्तिक का बचपन से ही क्रिकेटर बनने का सपना था, इसलिए उसकी पढ़ाई में कभी मन नहीं लगी। उन्होंने जैसे तैसे 12वीं तो कर ली है, लेकिन वह कभी स्कूल नहीं गया। हालांकि बावजूद इसके वह कभी परीक्षा में फेल भी नहीं हुआ है। कार्तिक के पिता मनोज शर्मा ने अपने बेटे को क्रिकेटर बनने के लिए प्राइवेट टीचर की नौकरी तक छोड़ दी।
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