Teacher Transfer: शिक्षक संगठनों के बीच काफी रोष फैला हुआ है। कारण है तबादलों के आदेशों को लागू करने में लंबे समय से हो रही देरी, लेकिन हाल ही में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक उम्मीद के किरण जगाते हुए कहा है कि इंतजार की घड़ियां अति शीघ्र खत्म होने वाली है। उनके इस बयान के बाद लोगों के बीच थोड़ी राहत पहुंची है।
तबादलों के लिए चल रहा कई वर्षों से इंतजार
शिक्षा विभाग में तबादले खास तौर पर तीसरी श्रेणी के शिक्षकों के लिए 2018 से रुके हुए हैं। महिला शिक्षकों और अपने घर से दूर जिलों में तैनात शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है। कई शिक्षक पारिवारिक, लंबी यात्राओं और कुछ व्यक्तिगत चुनौतियों की वजह से जूझ रहे हैं। इसी वजह से यह मुद्दा अब एक प्रशासनिक बाधा से कहीं आगे बढ़ चुका है।
यूं तो इस साल की शुरुआत में अन्य सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर तबादले हुए हैं लेकिन उसमें शिक्षकों को बाहर रखा गया था। शिक्षक संघ अनुचित देरी को उजागर करते हुए मुखर होकर अपनी शिकायतों से अवगत करा रहे हैं और उस पर तत्काल ध्यान देने की मांग कर रहे हैं।
संगठनों की मांग और बढ़ता दबाव
संगठनों की मांग न केवल तबादलों को फिर से शुरू करना है बल्कि साथ में नई शिक्षा नीति को वापस लेने के लिए भी दरखास्त लगाई जा रही है। इसी के साथ वे लंबित पदोन्नति पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं।
1 जुलाई से शैक्षणिक सत्र शुरू
अब नए सत्र की शुरुआत होने जा रही है। वैसे तो इस तिथि से पहले स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए थी। क्योंकि शिक्षक अपनी नई पोस्टिंग पर रिपोर्ट कर सके और सत्र को सुचारू रूप से शुरू कर सके इसलिए यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था।
अभी भी अनिश्चितता बनी हुई
हालांकि मंत्री दिलावर के बयान ने उम्मीद कि किरण तो प्रदान की है लेकिन शिक्षक समुदाय के बीच अभी भी संशय बना हुआ है। अभी तक कोई भी औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया। इसी के साथ राजस्थान भर में हजारों शिक्षक अभी भी इंतजार में ही है।