Rajasthan Railway Policy Update: रेलवे ने रेल यात्रियों की सीटिंग व्यवस्था से जुड़ी 19 साल पुरानी नीति में संशोधन किया है। इस बदलाव के तहत अब स्लीपर क्लास टिकट को फर्स्ट एसी में अपग्रेड नहीं किया जाएगा। अब यह टिकट अधिकतम सेकंड एसी तक ही अपग्रेड होगा, जबकि थर्ड एसी टिकट फर्स्ट एसी तक अपग्रेड किया जा सकेगा।
रेलवे अपग्रेड सिस्टम में बदलाव
रेलवे के द्वारा लिए गए इस निर्णय के पीछे का मुख्य कारण यह है कि अक्सर कई रूटों पर स्लीपर क्लास से फर्स्ट एसी में अपग्रेड होने के बाद भी यात्री अपनी अपग्रेड वाली सीट पर नहीं बैठते हैं। और उनकी पुरानी सीट वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को मिल जाती है। ऐसी स्थिति में लोगों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए रेलवे विभाग द्वारा अपग्रेड सिस्टम में कुछ बदलाव किए गए हैं।
अपग्रेडेशन विकल्प चुनना होगा जरूरी
इस नए अपग्रेड सिस्टम में बदलाव करने के लिए रेलवे के निदेशक संजय मनोचा ने नए नियम की घोषणा की है। जिसमें पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम के सॉफ्टवेयर को अपडेट किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अब अगर कोई यात्री अपनी टिकट अपग्रेडेशन के विकल्प को नहीं चुनता है, तो चाहे ट्रेन में फर्स्ट, सेकंड, थर्ड एसी के साथ एक्जीक्यूटिव और एसी चेयरकार में सीटें खाली हों, लेकिन फिर भी उनका टिकट अपग्रेड नहीं किया जाएगा।
विशेष कोटे में लोअर बर्थ के बदले नियम
इसके साथ ही विशेष कोटे वाले यात्रियों को लोअर बर्थ मिलना निश्चित नहीं रहेगा। जिस वजह से दिव्यांग, बुजुर्ग के साथ गर्भवती महिलाओं और 45 से ऊपर आयु की महिलाओं के साथ अन्य कोटे में टिकट बुक कराने वाले सभी यात्रियों को अब विकल्प चुनना जरूरी होगा। जिसमें अगर विशेष कोटे के यात्री अपग्रेडेशन के विकल्प को नहीं चुनते हैं, तो उनको भी अपग्रेड के दौरान अपर या मिडिल बर्थ आवंटित नहीं की जाएंगी।
अपग्रेड नियमों में बदलाव के उद्देश्य
रेलवे के द्वारा किए गए इस बदलाव से टिकट आरक्षण प्रक्रिया में स्पष्टता और पारदर्शिता व्यवस्था स्थापित होगी और इसके साथ ही लोगों के बीच होने वाले विवाद का भी समाधान होगा।
इसे भी पढ़े:- फुलेरा-डेगाना रेलमार्ग का दोहरीकरण, विद्युतीकरण में हुई वृद्धि, यात्रियों के सफर में आएगी सुगमता