rajasthanone Logo
Rajasthan Gem Crisis: राजस्थान में रत्न एवं आभूषण उद्योग पर ट्रंप के टैरिफ का काफी ज्यादा असर पड़ा है। आइए जानते हैं यह असर व्यापारियों पर क्या प्रभाव डाल रहा है।

Rajasthan Gem Crisis: राजस्थान का ज्वेलरी उद्योग गंभीर संकट से जूझ रहा है। दरअसल अमेरिका के 50% टैरिफ लगाने की वजह से यह संकट बना है। जयपुर को रंगीन रन और पारंपरिक आभूषण शिल्प कला के सबसे बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है। रोजगार और व्यापार में फिलहाल इस केंद्र को भारी व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है। अब क्योंकि अमेरिकी बाजार से ऑर्डर में भारी गिरावट आई है इस वजह से हजारों कारीगर और छोटे व्यापारी मुश्किल में फंसे हुए हैं।

दिवाली सीजन में ढाई हजार करोड़ का भारी नुकसान 

दिवाली का त्यौहार नजदीक आता जा रहा है। इस बीच कारोबारी को डर है कि यह सीजन उद्योग के लिए सबसे बुरा वक्त साबित हो सकता है। हीरा व्यापार बुरी तरह से प्रभावित है। इसके निर्यात में 70% तक की गिरावट आई है। परंपरागत रूप से राजस्थान में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र का सालाना कारोबार लगभग 17000 करोड़ रुपए का होता है। इसमें से तीन-साढ़े तीन हजार करोड़ का व्यापार अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ होता है। अब भारी टैरिफ की वजह से साढ़े तीन हजार करोड़ मूल्य का 60% से ज्यादा कारोबार चौपट हो चुका है। मौजूदा ऑर्डर रद्द हो रहे हैं और नया कोई भी आर्डर नहीं मिल रहा। 

पारंपरिक शिल्प कला में भारी गिरावट 

इस टैरिफ का राजस्थान की सदियों पुरानी कारीगरी पर काफी ज्यादा असर पड़ा है। इसमें जड़ाऊ, मीणा और कुंदन के आभूषण शामिल हैं। राजस्थान देश में जड़ाऊ आभूषणों का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन अब यह उद्योग अपनी मूल क्षमता के मात्र 15% तक ही सिमट चुका है।

सरकारी हस्तक्षेप की उम्मीद 

अब निर्यातक उद्योग के हित में भारत सरकार द्वारा सख्त और तत्काल कार्रवाई की उम्मीद में बैठे हैं। कुछ अमेरिकी व्यापारी टैरिफ के बीच सक्रिय रूप से विकल्प तलाश रहे हैं, जिस वजह से भारत की रन और आभूषण निर्यात स्थिति और कमजोर हो रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि अगले दो-तीन महीने काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर सरकारी मदद नहीं मिलती तो इस क्षेत्र को और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है।

यह भी पढ़ें- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लौटे मंत्री: आज सीएम भजनलाल लेंगे फीडबैक, रिपोर्ट के आधार पर जारी करेंगे राहत पैकेज

5379487