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Rajasthan Government: शासक के तौर पर संबंधित संभागीय आयुक्त कामकाज देखेंगे। सरकार के इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक कामकाज को सरल बनाना और निर्णय प्रक्रिया को तेज करना बताया गया है।

Rajasthan Government: सरकार द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है। जहां अब राज्य के तीन बड़े शहर जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक शहर एक निगम मॉडल लागू हो गया है। आपको बता दें कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो निगम खत्म कर दिए गए हैं। तीन शहरों में संभागीय आयुक्त और कलेक्टर ने प्रशासक के तौर पर एकीकृत निगमों का कार्यभार भी संभाल लिया है। वहीं सरकार के फैसले के बाद तीनों शहरों में महापौरों और पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो गया है। ऐसे में उनके सभी प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार भी समाप्त हो गए हैं। प्रशासक के तौर पर संबंधित संभागीय आयुक्त कामकाज देखेंगे। सरकार के इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक कामकाज को सरल बनाना और निर्णय प्रक्रिया को तेज करना बताया गया है।

इन वजहों के किए गए बदलाव

स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि बढ़ती आबादी, भौगोलिक विस्तार और नगरीय जरूरतों को देखते हुए यह बदलाव किया गया है। अगले साल होने वाले जयपुर नगर निगम चुनाव अब इन्हीं सेवाओ के आधार पर होंगे।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जयपुर में सैनी, कोटा में मेहरा और जोधपुर में सिद्धार्थ को नया निगम कमिश्नर बनाया गया है। रात में आदेश जारी कर इनकी नियुक्ति की गई।

वार्डों की नई संख्या
नई सीमाओं के मुताबिक जयपुर निगम में 13 जोन बनाए जाएंगे। वार्डों की संख्या कम होने से क्षेत्रीय कार्यों का प्रबंधन आसान होगा। इसके साथ ही आपको बताते चलें कि जयपुर में संभागीय आयुक्त पूनम जोधपुर में संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह और कोटा में कलेक्टर पियूष सांवरिया ने निगम प्रशासक का कार्य का भार संभाल लिया है।

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