Butati Dham Temple: नागौर जिले के डेगाना तहसील में बरसात बुटाटी धाम काफी आध्यात्मिक और चमत्कारी स्थल है। यह न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है बल्कि यहां पर चमत्कारिक उपचार भी किया जाता है। इस पावन स्थल के केंद्र में संत चतुरदास जी महाराज का मंदिर भी स्थापित है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर लकवा ग्रस्त पीड़ित रोगियों का इलाज होता है। आईए जानते हैं इससे जुड़ी हुई सभी मुख्य बातें।
बुटाटी धाम का चमत्कारी महत्व
यह जगह केवल एक मंदिर ही नहीं है बल्कि लकवा से पीड़ित लोगों के लिए एक आशा की किरण भी है। ऐसा कहा जाता है कि लगातार सात दिनों तक दैनिक अनुष्ठान में भाग लेने वाले रोगियों को यहां पर सुधार या फिर पूर्ण रूप से ठीक होने का अनुभव प्राप्त होता है। इसमें आरती में शामिल होना और मंदिर परिसर के चारों ओर अनुष्ठान परिक्रमा करना शामिल है। इन सभी कार्यों को सच्चे मन से करने से रोगी की स्थिति में परिवर्तन देखने को मिलता है।
क्या होती है उपचार प्रक्रिया
यह अनुष्ठान काफी सरल लेकिन शक्तिशाली है। हर दिन सुबह की आरती से शुरू होता है। उसके बाद रोजी मंदिर के बाहर के परिसर के चारों ओर परिक्रमा करते हैं । शाम को दोबारा आरती की जाती है और रोगी इस बार मंदिर के अंदर दूसरी परिक्रमा करते हैं। यह दिनचर्या सात दिन तक निभाई होती है। खास बात यह है कि यहां पर सभी सेवाएं पूर्ण रूप से निशुल्क है।
कैसे पहुंचे बुटाटी धाम
यह धाम जयपुर जोधपुर रेल मार्ग पर स्थित मेड़ता रोड रेलवे स्टेशन के पास में है। आप स्टेशन से जीप, ऑटो रिक्शा या फिर स्थानीय परिवहन के जरिए यहां पर पहुंच सकते हैं। इसी के साथ मंदिर परिसर में भक्तों और रोगियों की सुविधा के लिए आवास की भी सुविधा दी जाती है।
समय के साथ बुटाटी धाम अधिक आस्था आधारित चिकित्सा के प्रति के रूप में स्थापित हो चुका है। यह धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ एक उपचार केंद्र भी है। जहां पर हजारों लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।