Bhairu Mandir Kotputli: जयपुर जिले के कोटपुतली के पास कुल्हाड़ा गांव में स्थित छपला वाले भैरू बाबा का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। हर साल यहां पर लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले की सबसे खास बात है कि यहां पर एक अलग तरीके प्रसाद बनाया जाता है। दरअसल यहां पर जेसीबी मशीन की मदद से पारंपरिक राजस्थानी चूरमा तैयार किया जाता है। आईए जानते हैं क्या है इसके पीछे की कहानी।
भव्य चूरमा तैयारी
दरअसल अधिकांश मंदिरों में प्रसाद एक मामूली मात्रा में तैयार किया जाता है। लेकिन इस मंदिर में चूरमा कई सौ क्विंटल में तैयार होता है। इतनी भारी मात्रा में तैयार होने के कारण जेसीबी की मदद ली जाती है। यह मात्र इतनी बड़ी होती है कि चूरमा को तैयार करने के लिए जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल करना पड़ता है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि बाटी को भी पीसने के लिए थ्रेसर का इस्तेमाल किया जाता है। इस विशाल प्रसाद को पकाने के लिए 100 से अधिक स्वयंसेवकों की एक टीम लगती है।
यह मेला कोटपूतली से 15 किलोमीटर दूर हर वर्ष आयोजित किया जाता है। इस मेले में हिस्सा लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इस मेले की एक अनूठी विशेषता नेहरा है। इस कार्यक्रम में भैरू बाबा की कहानी भक्तों को सुनाई जाती है।
मंदिर से जुड़ी एक अनोखी कहानी
ऐसा कहां जाता है की भैरू बाबा का एक भक्त सोनेगिरी पोषवाल यहां पर भैरू बाबा की मूर्ति को स्थापित करवाना चाहता था। वह मूर्ति को लाने के लिए काशी तक गया। इसके बाद भैरू बाबा ने सपने में आकर उसे बाली मांगा। पोषवाल ने अपनी भक्ति साबित करने के लिए अपने बेटे की बलि दे दी थी। भक्ति से खुश होकर भैरू बाबा ने उसके पुत्र को वापस जीवित कर दिया था।
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