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Bhuwal Mata Mandir: राजस्थान के नागौर जिले में स्थित भुवाल माता मंदिर मां काली का एक प्राचीन मंदिर है। यहां माता को भक्त प्रसाद के रूप में ढाई प्याला शराब चढ़ाते हैं। माना जाता है कि अगर इस प्याले में एक भी बूंद शराब कम होती है तो वो भोग ग्रहण नहीं करती हैं।

Bhuwal Mata Mandir: काली मां का एक प्राचीन मंदिर राजस्थान के नागौर जिले में स्थित है जहां माता को भक्त प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाते हैं। अनोखी बात यह है कि यहां देवी को ढाई प्याला शराब का ही भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि अगर इस प्याले में एक भी बूंद शराब कम होती है तो वो भोग ग्रहण नहीं करती हैं। आज इस लेख में हम आपको इस मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में बताएगें। 

भोग लगाते ही चांदी के प्याले से गायब हो जाती है शराब 

माना जाता है कि मंदिर यदि कोई भक्त पूरी श्रद्धा से मां काली को प्रसाद चढ़ाता है तो वो सहज ही उसे स्वीकार कर लेती हैं। लेकिन अगर प्रसाद में शराब की मात्रा ढाई प्याला से थोड़ी सी भी ज्यादा या कम होती है तो वे उसे स्वीकार नहीं करती हैं। जैसे ही मंदिर के पुजारी माता के सामने चांदी के प्याला में शराब का भोग रखते हैं और आंखें बंद कर माता से प्रसाद ग्रहण करने का अनुरोध करते है, कुछ ही देर में प्याले से पूरी शराब गायब हो जाती है। ऐसा तीन बार किया जाता है। तीसरी बार में यह प्याला आधा भरा रह जाता है, मान्यता है कि माता केवल ढाई प्याले का भोग ही स्वीकार करती हैं। 

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मंदिर से जुड़ा इतिहास 

पौराणिक कथा के अनुसार लगभग 100 साल पहले डाकुओं का एक झुंड लूट की माल लेकर एक गांव के चबूतरे पर उसे बांटने लगे। इसी दौरान डाकुओं ने चबूतरे पर रखी मूर्तियों का चमत्कार देखा, इसे देखकर डाकू दंग रह गए और उन्होंने इसे लूटे हुए माल से इस मंदिर का निर्माण कराया था। 

12वीं शताब्दी में हुआ था मंदिर का निर्माण 

मां काली यह प्राचीन मंदिर नागौर जिला मुख्यालय से लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रियां तहसील के भवाल नामक गांव में बना हुआ है। 13वीं सदी में गांव के नाम पर मंदिर का नाम रखा गया था। प्राचीन शिलालेख के अनुसार 12वीं सदी में इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। लाल पत्थरों से बने इस मंदिर में एक विशाल पोल है। प्रवेश करते ही एक चौक को पार करना पड़ता है। मंदिर की दीवारों पर प्राचीन समय की मूर्तियां भी उत्कीर्ण हैं।

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