Shekhawati Heritage : शेखावाटी की हवेलियां आज भी अपनी खास पहचान बनाए हुए हैं। ये हवेलियां रंग बिरंगे चित्रों और शानदार कारीगरी के लिए मशहूर हैं। 2025 में भी कला और इतिहास में रुचि रखने वाले लोग इन्हें देखने सबसे पहले आते हैं। हर दीवार और हर चित्र अपनी अलग कहानी है और राजस्थान की पुरानी संस्कृति का अनुभव कराते हैं। हवेलियों में घूमते हुए ऐसा लगता है जैसे आप पुराने समय में वापस चले गए हैं।
हवेलियों का निर्माण कब हुआ
इन हवेलियों को अठारहवीं से बीसवीं वीं शताब्दी के बीच बनाया गया है। मारवाड़ी व्यापारियों ने अपनी संपत्ति को प्रदर्शित करने के लिए इन हवेलियों का निर्माण करवाया था। यह व्यापारी सिर्फ राजस्थानी ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग भागों में अपना व्यापार करते थे।
हवेलियों की वास्तुकला
शेखावाटी की हवेलियों की वास्तुकला की बात करें तो ये हवेलियां अक्सर एक बड़े आंगन या चौक के चारों ओर बनाई जाती थीं। आंगन के इर्द गिर्द कई कमरे और गलियारे होते थे, जिनका उपयोग परिवार के सदस्यों और मेहमानों के लिए किया जाता था। जो इसे फैमिली मेंबर या फिर मेहमानों के लिए उपयोग में लिया जाता था। हवेली का मुख्य द्वार भारी नक्काशी लकड़ी का होता था
हवेलियों की संरचना
अगर इन हवेलियों की बनावट की तरीके को देख तो दीवारों पर राजस्थान के साथ साथ मुगल वास्तुकला के उदाहरण देखने को मिल जाएंगे। इसमें छोटे-छोटे झरोखे बनाए गए हैं जो हवा और रोशनी को अंदर आने देते हैं। मेहराब और खंभे जो स्थानीय और मुगल वास्तुकला का मिश्रण दिखाते हैं।
शेखावाटी की प्रमुख हवेलियां
आपको बता दे की शेखावाटी में हजारों हवेलियां है। लेकिन कुछ ऐसी भी हवेलिया है जो विशेष रूप से पर्यटकों के लिए मशहूर है। जैसे नवलगढ़ की हवेलियाँ , मंडावा की हवेलियाँ, दुंधलोद की हवेलियाँ , लक्ष्मणगढ़ की हवेलियाँ, सीकर की हवेलियाँ। हवेलियों के अंदर आपको कई पौराणिक कथाओं की चित्रकला देखने को मिल जाएंगे।
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