Jodhpur Gulabrai: मराठा वीर पेशवा बाजीराव प्रथम की प्रेयसी मस्तानी के बारे में तो जब लोग जानते हैं, उसी प्रकार जोधपुर के महाराजा विजय सिंह की प्रेयसी थीं गुलाबराय पासवान। वह भी मस्तानी की तरह न तो कभी बाजीराव के साथ शादी कर सकीं और न ही कभी विजय सिंह की पत्नी होने का दर्जा पा सकीं। इसी कारण से गुलाबराय को जोधपुर की मस्तानी भी कहा जाता है। विजय सिंह की प्रेयसी गुलाबराय भी मस्तानी की तरह काफी खूबसूरत थी।
गुलाबराय ने करवाए थे कई अहम विकास कार्य
मराठा शासन काल के दौरान मस्तानी ने मुगलों के खिलाफ बाजीराव के साथ कई युद्ध लड़े थे, वहीं जोधपुर में भले ही गुलाबराय ने हाथ तलवार नहीं उठाई लेकिन अपनी निर्णय शक्ति से राज्य में कई अहम विकास कार्य करवाए थे। महाराजा विजय सिंह ने गुलाबराय के प्रेम के लिए गुलाब सागर का निर्माण भी कराया था। साथ ही गुलाबराय की प्रेरणा से राज्य में कुंज बिहारी मंदिर, महिलाबाग और गिर्दकोट आदि का निर्माण भी कराया गया था। साथ ही सोजत शहर का परकोटा व जालोर दुर्ग में भी कई निर्माण करवाए गए थे।
पशु हत्या पर लगाई गई थी रोक
बताया जाता है कि गुलाबराय काफी बुद्धिमानी व सरल स्वभाव की थी। गुलाबराय ने पूरे राज्य में पशु हत्या पर रोक लगा थी। इसका पालन न करने वालों को दुर्ग में ले जाकर सजा दी जाती थी। जिस तरह पेशवा बाजीराव की माता व पत्नी काशीबाई ने मस्तानी को कभी नहीं अपनाया था, उसी प्रकार जोधपुर की महारानियों व रियासत के पंडितों ने भी कभी गुलाबराय को स्वीकार्य नहीं किया था।
सरदारों ने करवाई थी गुलाबराय की हत्या
जोधपुर में गुलाबराय के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राजकुमार व सरदार अक्सर नाराज रहते थे। वे गुलाबराय के विरोध में था और मारने के लिए कई षड्यंत्र बनाता रहता था। एक बार सरदारों ने रात में गुलाबराय की हत्या करवा दी थी। मस्तानी की मृत्यु के वियोग में बाजीराव भी केवल 40 साल तक ही जिंदा रह सके, उसी प्रकार गुलाबराय की हत्या के बाद विजयसिंह भी यह सदमा सहन नहीं कर सके और एक साल के अंदर ही 46 साल की उम्र में स्वर्ग सिधार गए।