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Rajasthan RGHS Treatment: राजस्थान में 10 दिनों के बाद प्राइवेट अस्पतालों में आरजीएचएस सेवाएं बहाल कर दी गई है। इससे लोगों को काफी राहत मिलने वाली है। आरजीएचएस के तहत इलाज बंद होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतें आ रही थी।

Rajasthan RGHS Treatment: राजस्थान में आरजीएचएस कार्डधारी मरीजों को राहत मिली है। आखिरकार कल यानी बुधवार से प्राइवेट अस्पतालों में आरजीएचएस के तहत ट्रीटमेंट बहाल कर दी गई है। राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के अंतर्गत निलंबित चल रही कैशलेस सेवाएं 10 दिन बाद बहाल हुई है। अलवर के 35, खैरथल तिजारा के 3 व बहरोड़-नीमराना क्षेत्र के 11 पैनल अस्पतालों में अब फिर से आरजीएचएस कार्डधारी मरीजों को बिना नकद भुगतान इलाज की सुविधा मिलेगी। 

निजी अस्पताल संघों के साथ बैठक पर सहमति 

हड़ताल के चलते पिछले दस दिनों में लाभार्थियों को जेब से खर्च कर दवाएं खरीदनी पड़ी थी। इसके पुनर्भरण की मांग पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। बैठक में तय हुआ कि अस्पतालों को लंबित भुगतान थोक में जारी किए जाएंगे और आगे से नियमित भुगतान चक्र सुनिश्चित किया जाएगा। एसओपी और एमडीपी समिति को इसी माह अंतिम रूप देने की घोषणा की गई, जिसमें आरएएचए का प्रतिनिधित्व रहेगा। साथ ही निजी अस्पताल संघों के साथ हर महीने बैठक आयोजित करने पर सहमति बनी। 

मरीजों को पैसे देकर खरीदनी पड़ी दवा

भर्ती करवाने के लिए परिजनों को अचानक हजारों रुपए खर्च कर इलाज लेना पड़ा। फॉलोअप दवाएं लेने वाले मरीज भी परेशान हुए। सरकारी अस्पतालों में सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं होने के चलते गंभीर रोगों के मरीजों ने अपना इलाज काफी पैसे खर्च कर प्राइवेट अस्पताल में कराया।

पेंशनभोगी परिवार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। अलवर जिले के अस्पताल संचालकों ने हड़ताल समाप्त होने पर राहत जताई है। उनका कहना है कि सरकार की ओर से भुगतान व्यवस्था सुचारु होने से सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होगी और मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। 2018 से हृदय रोग संबंधी व सामान्य दवाएं नियमित चल रही हैं। वहां मेडिसिन विभाग के डॉक्टर ने हृदय रोग संबधी दवा तो लिख दी, लेकिन यूरॉलोजी की दवा यूरोलॉजिस्ट से लिखवाने को कहा। सरकारी अस्पतालों में यूरोलॉजिस्ट नहीं है तो एसएसएस जयपुर जाना ही उपाय था।

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