Rajasthan Bird Hospital: राजस्थान का एकमात्र पक्षी चिकित्सालय राजधानी जयपुर में स्थित है। यहां की खास बात यह है कि यहां पक्षियों का मुफ्त में उपचार किया जाता है। इस चिकित्सालय को जीव दया संस्थान की ओर से संचालित किया जा रहा हैं। बेजुबानों के इलाज में खर्च होने वाले सारा भार संस्थान की ओर से ही वहन किया जाता है। चिकित्सालय के अंदर सभी प्रकार के पक्षियों के इलाज के लिए कई वार्ड पिंजरे बनाए गए हैं। इधर उनके आहार व पानी की सुविधाएं भी दी गई हैं।
ठीक के होने के बाद रिकवरी वार्ड में किया जाता है शिफ्ट
पक्षी चिकित्सक के डॉ. रमेश चंद्र वर्मा ने कहा कि बीमार पक्षियों को सबसे पहले पिंजरों में रखा जाता है। यहां तीन से चार दिनों तक उनका उपचार होता है और पूरी तरह से देखभाल की जाती है। जैसे ही उनकी सेहत में सुधार होने लगता है उन्हें रिकवरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है। यहां पक्षियों को खाने और पानी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। रिकवरी वार्ड में एक खिड़की बनाई गई है जहां से पक्षियों को ठीक होने के बाद आसमान में वापस भेज दिया जाता है।
पक्षियों को देते है केवल शाकाहारी खाना
उन्होंने आगे बताया कि यहां आए किसी भी पक्षी को मांस नहीं दिया जाता है। उन्हें केवल शाकाहारी खाना ही दिया जाता है। उनके खाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा विटामिन की मात्रा का ध्यान रखा जाता हैं।
पक्षियों को नहीं लगाए जाते है टांके
पक्षी चिकित्सक ने जानकारी दी कि पक्षियों के उपचार के दौरान उन्हें शरीर पर कोई टांके नहीं दिए जाते है इससे उनकी सेहत पर असर पड़ता है। जैसे ही पक्षी उड़ने के लिए अपने पंख फड़फड़ाता है टांकों की वजह से उसके शरीर पर ज्यादा दर्द होता है। इसीलिए पक्षियों के इलाज में केवल दवा लगाई जाती है।