Asthma Cure: यूं तो मानसून का मौसम भीषण गर्मी से राहत लेकर आता है लेकिन राजस्थान में अस्थमा और एलर्जी के मरीजों के लिए यह परेशानी का कारण भी बन रहा है। मौसम में नमी में काफी ज्यादा वृद्धि हो गई है। इसी वजह से फफूंद और पराग कणों में भी वृद्धि देखने को मिल रही है। यही कारण है की सांस और त्वचा से संबंधित बीमारियां काफी ज्यादा बढ़ रही हैं। जयपुर के अस्पतालों में एलर्जी और अस्थमा के रोगियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ चुकी है।
एलर्जी और अस्थमा के मामलों में वृद्धि
जयपुर के कई अस्पतालों के चिकित्सा आंकड़ों के मुताबिक सांस लेने में कठिनाई, लगातार छींक आना, गले में जलन, त्वचा पर शक्ति और अस्थमा के मरीजों की संख्या में 20 से 25% की वृद्धि हुई है। एसएमएस अस्पताल में 1 महीने पहले हर दिन लगभग 40 से 50 ऐसे मामले आए हैं। अब यह संख्या हर रोज डेढ़ सौ से अधिक हो गई है। इसी तरह बाकी अस्पतालों में भी 100 से अधिक नए मामले आए हैं।
क्या है लक्षण
एलर्जी के लक्षण
- सांस फूलना या घरघराहट
- लगातार खांसी
- सीने में जकड़न
- लगातार छींक आना
- नाक बंद होना और नाक बहना
- गले में दर्द या खुजली होना
त्वचा से संबंधित लक्षण
- खुजली वाले लाल चकत्ते
- फंगल इन्फेक्शन
- त्वचा का छिलना या फटना
- सूजन या छाले
कैसे रखें खुद को सुरक्षित
घर के अंदर की नमी को नियंत्रित करें। ऐसा करने के लिए आप एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी के साथ अधिक नमी वाले घंटे के दौरान खिड़कियों को हमेशा बंद रखें। साथ ही कपड़ों को घर के अंदर सूखने से बचें। इसी के साथ एलर्जी से हमेशा दूर रहें। इसके लिए नम दीवारों, कालीनों और बंद कमरों से दूरी बनाए रखें। नियमित रूप से अपने पंख, एयर कंडीशनर और फिल्टर को साफ करें। एलर्जी से बचने के लिए बाहर से लौटने के तुरंत बाद नहाए। साथ ही त्वचा को सूखा रखें।
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