Samajik Suraksha Pension: राजस्थान में महिलाओं और बुजुर्गों के लिए पेंशन की योजना चलाई गई थी, जिसका उद्देश्य उन्हें सरकार की तरफ से हर महीने आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत मिलने वाली पेंशन से आज कई महिलाएं और बुजुर्ग अपना जीवन का निर्वाह कर रहे हैं। और जब इस सत्यापन में ही देरी के कारण पेंशन पर संकट आ जाए तो बात लोगों के जीवन निर्वाह पर आ जाती है।
8 लाख पेंशनधारकों की पेंशन पर संकट
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के द्वारा 8 लाख लोगों की पेंशन को रोका जा रहा है। पेंशन को रोके जाने का कारण यह था कि जिन लोगों को पेंशन मिलती है, उनका विभाग के द्वारा सत्यापन किया जाना था। लेकिन अभी कर सत्यापन नहीं होने की वजह से पेंशन को रोकने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही मंगलवार को पेंशनधारकों के सत्यापन को लेकर कुछ आंकड़े जारी किए गए थे।
जिसमें लगभग 90 प्रतिशत पेंशनधारकों का ही सत्यापन किया गया है। जिसमें 10 फीसदी पेंशनधारकों के सत्यापन अभी होने शेष है, इसकी वजह से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रभावित होगी। इस योजना से लगभग 93 लाख पेंशनधारक जुड़े हुए हैं, जिसमें सर्वाधिक संख्या महिलाओं और बुजुर्गों की है।
सत्यापन में जयपुर रहा सबसे पीछे
राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए किए गए सत्यापन की अंतिम तिथि 30 मई रखी गई थी। इस बार राजस्थान सरकार के गृह जिले सत्यापन करने में सबसे पीछे रहे हैं। जिनमें केवल 18 प्रतिशत पेंशनधारकों का सत्यापन नहीं हो सका। इस 18 प्रतिशत में 15 प्रतिशत आंकड़े जयपुर के हैं। इसको लेकर डेढ़ साल से विवाद भी चल रहा है, जिसमें कई लोगों की तो 3 से भी अधिक महीनों की पेंशन नहीं आई है।
इसे भी पढ़े:- Rajasthan Nagar Nigam: अब वॉट्सएप पर उपलब्ध होंगे जन्म-मृत्यु और विवाह प्रमाण पत्र, आवेदन के लिए जानें आवश्यक सूचना