Kharif Crops Insurance: किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को शुरू कर रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाओं या फिर प्रतिकूल मौसम की वजह से फसल हानि की स्थिति में किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इस महल के तहत प्रतापगढ़ जिले के किसानों के पास चालू खरीफ मौसम के लिए अपनी खरीफ फसलों का बीमा करने के लिए एक सीमित समय है।
प्रतापगढ़ के लिए अधिकृत एजेंसी और अधिसूचित फसलें
सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि खरीफ फसलों का बीमा करने के लिए आपके पास सिर्फ 31 जुलाई तक का ही समय है। दरअसल प्रतापगढ़ में भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड को इस खरीफ मौसम के लिए फसल बीमा योजना के कार्य हेतु एक एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। जिले ने सोयाबीन, मक्का, उड़द के साथ-साथ कपास और मूंगफली की फसलों को बीमा कवरेज के लिए अधिसूचित किया है। इन फसलों का मौसम के उतार-चढ़ाव के दौरान काफी ख्याल रखा जाता है और काफी संवेदनशील होती हैं। इसी वजह से बीमा कृषक समुदाय के लिए एक आवश्यक सुरक्षा कवच बन जाता है।
विभिन्न फसलों के लिए प्रीमियम दरें
इस योजना के लिए सरकार ने खरीफ फसलों के लिए प्रीमियम दो प्रतिशत रखा है। रबी फसलों के लिए प्रीमियम डेढ़ प्रतिशत है। इसी के साथ व्यावसायिक फसलों के लिए 5% प्रीमियम की आवश्यकता होती है।
बीमा दावा कैसे दर्ज करें
जिन किसानों की अधिसूचित फसलें कटाई के बाद लेकिन खेत में सूखते समय चक्रवात, ओलावृष्टि, बे मौसम बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, वह नुकसान के तहत दावा दायर कर सकते हैं। हालांकि इस बात का ख्याल रखें कि नुकसान की सूचना घटना के 72 घंटे के भीतर ही दी जानी चाहिए। किसान कृषि रक्षक पोर्टल या फिर फसल बीमा अप के जरिए अपना दावा दायर कर सकते हैं। इसके अलावा बैंक या कृषि अधिकारी के जरिए भी लिखित जानकारी जमा कर सकते हैं।
योजना के अंतर्गत शामिल जोखिम
यह योजना बुवाई से लेकर कटाई तक फसल अवधि के दौरान कई तरह के जोखिमों को कवर करती है। इसके अंतर्गत सूखा, बाढ़, जलभराव, कीटों का हमला, पौधों की बीमारी, भूस्खलन, बिजली से होने वाली आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात शामिल होते हैं।
ऋणी और गैर ऋणी किसानों के लिए निर्देश
जिन किसानों ने ऋण ले रखा है उन्हें बीमा योजना में अपने आप नामांकन मिल जाएगा, जब तक कि वे अपने बैंक में ऑप्ट आउट फॉर्म जमा नहीं करते। जो भी किसान अपनी खरीफ फसलों का बीमा नहीं करना चाहते उन्हें 24 जुलाई तक ऑप्ट आउट फॉर्म जमा करना होगा। इसके अलावा जो भी किसान अपनी घोषित फसलों को बदलना चाहते हैं वह 29 जुलाई तक बैंकों में लिखित रूप से सूचित कर सकते हैं।
गैर ऋणी किसान जो बैंक ऋण के दयार में नहीं आते वह सामान्य सेवा केंद्रों के जरिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें आवश्यक दस्तावेजों में बैंक की पासबुक, जमाबंदी, आधार कार्ड और बुवाई प्रमाण पत्र देना होगा। इसी के साथ काश्तकार और बटाईदार किसानों को निवास प्रमाण पत्र, भू स्वामी का आधार कार्ड और ₹100 के गैर न्यायिक स्टांप पेपर पर लीज डीड भी प्रस्तुत करनी होगी।
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