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Rajasthan Wheat Scheme: राजस्थान सरकार ने सस्ती दरों पर गेहूं लेने वाले अपात्र लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली है। 31 जुलाई तक गिव अप अभियान में नाम हटवाएं।

Wheat Scheme : राजस्थान सरकार ने सरकारी कोटे से सस्ती दरों पर गेहूं लेने वाले अपात्र लोगों पर कार्रवाई के लिए कमर कस ली है। इसी के तहत राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना से अमान्य लोगों का नाम हटाने के लिए चलाए जा रहे गिव अप अभियान की समय-सीमा बढ़ा कर 31 जुलाई कर दिया है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने आम जनता को ये निर्देश जारी किया है कि सरकारी रेट पर सस्ता गेहूं लेने वाले ऐसे लोग जो इसकी पात्रता शर्तें पूरी नहीं करते, योजना से अपना नाम हटवा लें, नहीं तो 1 सितंबर से उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

जिसके अंतर्गत पूरी योजना काल में गलत तरीके से लिए गए गेहूं की कीमत बाजार मूल्य के हिसाब से वसूली जाएगी। विभाग ने माना कि इन अपात्र लाभार्थियों के कारण वास्तविक जरूरतमंदों को नुकसान उठाना पड़ता है जो सरकारी वितरण प्रणाली का दुरुपयोग है।

अपात्र लाभार्थी

सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार सरकारी नौकरी वाले, चार पहिया गाड़ी के मालिक तथा 1 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वाले लोग इस योजना का लाभ लेने के लिए अपात्र माने जाएंगे।

जानें योजना का उद्देश्य

गिव अप अभियान का उद्देश्य इस बात की पुष्टि करना है कि खाद्य सुरक्षा योजना केवल उन्हीं लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति वास्तव में कमजोर है। इसलिए विभाग ने आम जनता से ये गुजारिश की है कि जो लोग गलत तरीके से सरकारी गेंहू ले रहे हैं वो गरीबों के हित का ध्यान रखते हुए ईमानदारी व स्वेच्छा से लिस्ट से अपना नाम हटाकर सरकार को सहयोग करें। 

ऐसे बहुत से मजदूर व मेहनतकश लोग हैं जिन्हें दिनभर के कड़े परिश्रम के बावजूद दो वक्त की रोटी मुश्किल से नसीब होती है। इन सरकारी योजनाओं पर पहला अधिकार उन्हीं का बनता है और उनकी पात्रता को स्वीकारते हुए अपात्र लोगों को अपना नाम हटा लेना चाहिए।

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