Critical Tiger Habitat: सरिस्का बाग अभयारण्य में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के प्रस्तावित नए मसौदे ने आक्रोश की लहर पैदा करती है। दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि यह मसौदा पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में खनन गतिविधियों और विस्फोटों का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसी के चलते कार्यकर्ताओं ने बाघ बचाओ नामक एक राष्ट्रव्यापी सोशल मीडिया अभियान शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि इस अभियान को समर्थन बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम ने भी दे दिया है।
खनन और वन्य जीवों के साथ छेड़छाड़ की चिंताएं
दरअसल नए सीटीएच मसौदे की वजह से अभयारण्य और उसके आसपास खनन के कार्य फिर से शुरू हो सकते हैं। पर्यावरणविदों के मुताबिक एग्री से मंजूरी मिलती है तो इससे विस्फोट और उत्खनन का रास्ता और भी ज्यादा साफ हो जाएगा। इस वजह से अभयारण्य में बाघों और अन्य वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास को नुकसान पहुंचेगा। इस अभियान के प्रमुख संगठनों में से एक टाइगर टाइल्स ट्रस्ट में इस बात पर चिंता जताई है और एक औपचारिक याचिका भी सर्वोच्च न्यायालय तक जाहिर की है।
जॉन अब्राहम का मिला समर्थन
जॉन अब्राहम ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से अपनी राय रखी। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि मानवीय हस्तक्षेप की वजह से बाघों के सामने आने वाले खतरे की काफी ज्यादा चिंता है। किसी के साथ उन्होंने जनता और सरकार से औद्योगिक विकास की तुलना में बाघों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निवेदन भी किया। जॉन ने आगे कहा कि अभ्यारण्य केवल जंगल ही नहीं बल्कि भारत के राष्ट्रीय पशु का घर भी है । उन्होंने आगे कहा कि बाघों को खतरे में डालने वाली किसी भी कार्रवाई पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
सरिस्का के भविष्य के लिए संघर्ष
दरअसल अलवर जिले में स्थित सरिस्का बाघ अभ्यारण्य लंबे समय से भारत के वन्य जीव संरक्षण प्रयासों का एक प्रतीक रहा है। शिकार के कारण बाघों की आबादी खत्म हो जाने के बाद इस जगह को पुनर्वास और सावधानी पूर्वक निगरानी के जरिए वापस से जीवित किया गया है।
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