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Mehdi Hasan: पाकिस्तान के मशहूर गजल गायक मेहदी हसन, जिनके दीवाने पाकिस्तान के साथ पूरे भारत में मिल जाएंगे। गजल के लिए मशहूर मेहदी राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं।

Mehdi Hasan: राजस्थान की भूमि ने दुनिया को ऐसे कलाकार दिए हैं, जो स्वयं तो चले गए लेकिन अपनी कला की एक छाप छोड़ गए। आपको बता दें कि ऐसे कलाकारों का जन्म ही दुनिया को कुछ देने के लिए होता है। हालांकि राजस्थान के कलाकारों का सफर आसान नहीं था, लेकिन उनकी लगन और कुछ करने की इच्छा ने उन्हें संगीत कला हो या नृत्य कला या फिर अदाकारी, सभी में विशेष पहचान दिलवायी।

मेहदी हसन

मेहदी हसन को पाकिस्तान के मशहूर गजल गायक के रूप में जाना जाता है। लेकिन उनकी गजलों के दीवाने केवल पाकिस्तान में नहीं, बल्कि पूरे भारत में हैं। इनके चले जाने के बाद आज भी अक्सर लोग इनकी गजलों को किसी को याद करते हुए या किसी को मोहब्बत करते हुए गुनगुनाते हैं। उनकी गजलों में एक ऐसा भाव होता है, जो सुनने वाले को उनकी गजलों में खो जाने के लिए मजबूर कर देता है। कह सकते हैं कि मेहदी हसन के द्वारा अपने जीवन में जो महसूस किया है, उसे पूरे दिल से अपनी गजलों के माध्यम से लोगों के सामने व्यक्त करते थे।

मेहदी का राजस्थान से ताल्लुक

मेहदी पाकिस्तानी गजल गाते थे, जिससे सबको लगता है कि मेहदी पाकिस्तान के मूल निवासी थे। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि उनका जन्म राजस्थान के झुंझुनू के लूणा गांव में हुआ था। लेकिन भारत- पाक बंटवारे के समय उनको राजस्थान को छोड़कर पाकिस्तान में जाना पड़ा। वहीं कहते है ना किसी को उसके शरीर से तो अलग किया जा सकता है, लेकिन उसकी रूह उसी जगह अटक जाती है। उसी तरह मेहदी पाकिस्तान में रहने लगे, पर राजस्थान में गुजारे उन लम्हों को  वे कभी नहीं भुला पाए। 

मेहदी जीवन संघर्ष

मेहदी का परिवार संगीत से ताल्लुक रखता था, जिस वजह से उनमें भी संगीत को लेकर रूचि बढ़ी। उनकी संगीत की तालीम अपने पिता उस्ताद अजीम खान और चाचा ने की थी। मेहदी 18 साल के उम्र में ठुमरी, ध्रुपद और ख्याल गायकी में माहिर हो गए थे। उन्होंने संगीत के क्षेत्र में शुरुआत ही की थी, तब भारत पाकिस्तान बंटवारा हो गया। जिस वजह उनको अपना घर छोड़ना पड़ा और इसके साथ उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई, जिसकी वजह से उनको एक साइकिल दुकान पर मैकेनिक का काम करना पड़ा। जिससे उनके गायकी और जीवन पर असर पड़ा था, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और संगीत का रियाज करते गए। 

मेहदी हसन के सफल जीवन की शुरुआत

मेहदी हसन के जीवन में 10 साल तक संघर्ष के बाद 1957 में उन्हें पाकिस्तानी रेडियो पर गाना गाने का मौका मिला। उस समय वे ठुमरी गाते थे, जिससे लोग उनको पसंद करने लगे। इसके  बाद उन्होंने गजल गाने की शुरुआत की और फिर वो पूरी दुनिया में मशहूर हो गए। लता मंगेशकर जैसे भारतीय कलाकारों के साथ भी मेहदी ने काम किया। उनकी गजलों से मेहदी पहले के पुराने लोगों के जुबां पर ही नहीं बल्कि आज के युवाओं के दिल और जुंबा दोनों में बसे हुए है। वो खुद तो इस दुनिया से अलविदा कह गए पर उनकी गजलें दुनिया में आज उसी तरह मौजूद है।

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