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SI Recruitment: राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा एसआई भर्ती को रद्द करने के एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी गई है। आइए जानते हैं कि किस आधार पर यह फैसला लिया गया।

SI Recruitment: राजस्थान उच्च न्यायालय ने सोमवार को एसआई भर्ती को रद्द करने के एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति एसपी शर्मा और न्यायमूर्ति संजीत पुरोहित ने रोक जारी करते हुए कहा कि कोई भी अंतिम निष्कर्ष निकालने से पहले नए सिरे से और गहन जांच जरूरी है। अब अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।

क्या हैं रोक लगाने के तीन प्रमुख आधार

खंडपीठ है तीन महत्वपूर्ण रिपोर्ट की पहचान की और यही रिपोर्ट रोक के फैसले का आधार बनीं। आईए जानते हैं क्या हैं वह तीन रिपोर्ट:

एसआईटी रिपोर्ट 

एकल पीठ ने एसआईटी रिपोर्ट पर काफी हद तक भरोसा किया था। इस रिपोर्ट में भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की गई थी। ‌ लेकिन आपको बता दें कि बाद में यह पता चला कि यह रिपोर्ट एसआईटी प्रमुख एडीजी वीके सिंह के हलफनामे के बिना प्रस्तुत की गई थी। इसी के साथ याचिकाकर्ता भी इस बात का उचित स्पष्टीकरण नहीं दे पाए कि उन्होंने यह रिपोर्ट कैसे प्राप्त की थी। क्योंकि यह आरटीआई के जरिए प्राप्त नहीं हुई थी और कोई सार्वजनिक डोमेन में भी नहीं थी।

डीजीपी का पत्र 

इसी के साथ एकल पीठ द्वारा प्रयुक्त एक अन्य दस्तावेज पुलिस महानिदेशक का एक पत्र था। इस पत्र में भर्ती रद्द करने की सिफारिश थी। लेकिन आपको बता दें कि इस पत्र में भी हलफनामा नहीं था जिस वजह से इसकी प्रामाणिकता पर भी गंभीर प्रश्न उठे। 

कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट 

इसी के साथ एक और रिपोर्ट जो रोक के फैसले का आधार बनी वह थी कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट। एकल पीठ द्वारा अपना निर्णय कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट के आधार पर भी लिया गया। यह रिपोर्ट स्वयं प्रमाणित तरीके से प्रस्तुत आधिकारिक दस्तावेजों के बजाज मीडिया रिपोर्टों पर आधारित थी। 

खंडपीठ ने साफ तौर पर कहा कि तीनों रिपोर्ट प्रमाणिक थी और पिछले निर्णय जिसमें आरपीएससी सदस्यों के खिलाफ गंभीर आरोप शामिल थे, की वापस से पूरी पारदर्शिता के साथ जांच जरूरी है। 

पहले क्या कहा था एकल पीठ ने 

न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने एक बड़े पेपर लीक का हवाला देते हुए जिसमें राजस्थान लोक सेवा आयोग के गठित तौर पर छह सदस्य शामिल थे, एसआई भर्ती को रद्द कर दिया था। इसी के साथ आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया था की भर्ती संबंधी दस्तावेज कुख्यात ब्लूटूथ गिरोह तक पहुंच गए थे। इसी वजह से यह निर्देश दिया गया था कि इन पदों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए और सभी उम्मीदवारों को फिर से आवेदन करना पड़ेगा।

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