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Rajasthan Tradition: राजस्थान में मानसून को लेकर एक परंपरा है, जिसमें कपड़ें की गुड़ियों की अर्थी तैयार कर उसका अंतिम संस्कार करवाया जाता है।

Rajasthan Tradition: राजस्थान को अनोखी परंपराओं के रिवाजों के लिए जाना जाता है। ये रिवाज ही राजस्थान के परिवेश को दर्शाते हैं। यहां का इतिहास भी इतना रोचक है कि जिसके बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जानना पसंद करते हैं। राजस्थान में इन अनूठी परंपराओं को निभाए जाने को लेकर लोगों में उत्साह की भावना होती है। इन परंपराओं का राजस्थान के लोगों के लिए एक विशेष महत्व होता है।

श्रीगंगानगर की अनोखी परंपरा

आपने बचपन में गुड़ियों से तो जरूर खेला होगा, जिसमें जन्म से लेकर शादी तक के सभी परंपराओं को निभाया होगा। लेकिन क्या आपने कभी खेल- खेल में गुड़ियों का अंतिम संस्कार किया है, सुनकर हैरानी होगी। क्योंकि राजस्थान के श्रीगंगानगर में एक ऐसी परंपरा है, जिसमें कपड़े की गुड़िया बनाकर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। जिसे वहां के लोगों के द्वारा पूरे रीति रिवाज के साथ निभाया जाता है। उनके लिए ये केवल एक परंपरा ही नहीं बल्कि एक विश्वास है।

इस परंपरा की मान्यता

श्रीगंगानगर के जहां राजस्थान की सबसे ज्यादा बारिश होती है, जिसे अनाज का कटोरा भी कहा जाता है। वहीं इस शहर में एक गुड्डी फूंकने की परंपरा को निभाया जाता है, जिसकी एक अनोखी मान्यता है। जिसमें बारिश करवाने के लिए गांव के लोगों के द्वारा एक कपड़े की गुड़िया बनाई जाती है, जिसे एक दुल्हन की तरह सजाया जाता है।

इसके बाद उसकी अर्थी तैयार की जाती है, इस अर्थी में उस गुड़िया को जलाया जाता है। इस परंपरा को लेकर यहां के लोगों का मानना है कि ऐसा करने से उनके शहर में बारिश होगी और खेत में फसल अच्छी होगी।

बेटियां निभाती हैं ये परंपरा

इस परंपरा को ससुराल से आई घर की बेटियां द्वारा निभाया जाता है, जिसमें वे सात दिन तक लोक नृत्य करती हैं और इसके साथ ही पारंपरिक गीत गाती हैं। गुड़िया के अंतिम संस्कार के समय बेटियों द्वारा झूठ मूठ के शोक में रोया जाता है। उसके बाद ही अंतिम संस्कार किया जाता है, फिर गुलगुले का प्रसाद बांटा जाता है।

अंतिम संस्कार के 3 दिन बाद गुड़िया के अवशेषों को ले जाकर नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। इसके बाद फिर से सभी में बताशे और मखाने का प्रसाद बांटा जाता है। आश्चर्य की बात तो ये है कि इस परंपरा को निभाए जाने के बाद गांव में बारिश भी हो जाती है।

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