Rajasthan Health News: प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध अस्पतालों का सघन निरीक्षण अभियान 30 मई को चलेगा। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर सफाई, बिजली उपकरण और भवनों का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर तत्काल मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सुधार करवाए जाएंगे।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अंबरीष कुमार के नेतृत्व में यह पूरा सघन अभियान चलेगा। गर्मियों में मरीजों को दिक्कत न हो इसके लिए रिपोर्ट के आधार पर एयर कंडीशनर और कूलर की व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त करवायी जाएंगी। यह पहल चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी।
प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध अस्पतालों में सघन निरीक्षण को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अंबरीष कुमार ने 28 मई को आदेश जारी किए हैं। जिसके मुताबिक माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बैठक कर स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करने के लिए सघन जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
इसके बाद अलग-अलग जिलों में निरीक्षण के लिए 33 टीमें गठित की गई हैं, जो कि 30 मई को निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। निरीक्षण के दौरान संबंधित चिकित्सालय प्रशासन को पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करने तथा निरीक्षण दल को समस्त आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अंबरीष कुमार ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और माननीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस निरीक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए निर्देश दिए हैं कि सभी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में स्वच्छता और बुनियादी ढांचे के मानकों को विश्वस्तरीय बनाया जाए। यह अभियान उनकी उस दृष्टि का हिस्सा है, जो राजस्थान को स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी तथा संबंधित जिले के कलेक्टर एवं संभागीय आयुक्त से चर्चा की जाएगी। जिसके आधार पर तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस विशेष निरीक्षण का उद्देश्य अस्पताल परिसरों में स्वच्छता की समुचित व्यवस्था, भवनों की आवश्यक मरम्मत, चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता, रोगियों की सुविधा, सुरक्षा प्रबंध तथा सेवाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाएगा। यह पहल राज्य में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह निरीक्षण अभियान चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में स्वच्छता, बुनियादी ढांचे की स्थिति और रखरखाव के मानकों को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य न केवल अस्पतालों में स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखना है, बल्कि बायोमेडिकल कचरे का उचित निस्तारण, भवनों की मरम्मत और बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, पानी और अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करना है। यह प्रयास मरीजों, कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
निरीक्षण अब नियमित आधार पर किए जाएंगे
यह निरीक्षण राजस्थान सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो राज्य को स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह अभियान स्वास्थ्य संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा। इस निरीक्षण का मुख्य कारण अस्पतालों में स्वच्छता और रखरखाव से संबंधित कमियों को चिह्नित करना और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाना है।
कई बार अनियमित निगरानी के कारण स्वच्छता मानकों में कमी, बुनियादी ढांचे को नुकसान और कचरा प्रबंधन में लापरवाही देखी गई है राजस्थान सरकार ने निर्णय लिया है कि इस प्रकार के निरीक्षण अब नियमित आधार पर आयोजित किए जाएंगे।
प्रत्येक टीम में 5 वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया
निरीक्षण अभियान को लेकर 33 जिला-स्तरीय टीमें गठित की गई हैं, जो प्रत्येक जिले के चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का निरीक्षण करेंगी। प्रत्येक टीम में 1 वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, 2 तकनीकी विशेषज्ञ, एक या दो स्वच्छता निरीक्षक और 1 चिकित्सा अधिकारी शामिल है। इस अभियान में 150 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे, जो सभी जिलों में समन्वित रूप से कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त, जिला स्तर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी अभियंता और संबंधित कर्मचारी आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।
इन प्रमुख मानदंडों पर होगा अस्पतालों का मूल्यांकन
- भवन की स्थिति (नया, पुराना, जर्जर, किराए का)।
- बाउंड्रीवाल और सुरक्षा व्यवस्था (सीसीटीवी, गार्ड)।
- परिसर में साफ-सफाई और कचरा निपटान की व्यवस्था।
- वार्डों, स्वागत कक्षों, चिकित्सा कक्षों और नर्सिंग कक्षों में साफ-सफाई की आवृत्ति (दिन में एक बार, दो बार, या नहीं)।
- बायोमेडिकल कचरे का निस्तारण और कचरा पात्रों की उपलब्धता (रंग-कोडिंग के अनुसार)।
- बेडशीट, परदों और गद्दों की स्वच्छता और स्थिति।
- भवनों में मरम्मत की आवश्यकता (दीवारें, छत, फर्श, खिड़कियां)।
- बिजली और पानी की आपूर्ति की स्थिति।
- अग्निशमन उपकरणों की स्थिति
- मरम्मत कार्यों के लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की स्थिति।
- रैंप, लिफ्ट, और शौचालयों की स्थिति।
- मच्छरदानी और खिड़कियों की जाली की उपलब्धता।
- कर्मचारियों और मरीजों के लिए पेयजल और अन्य सुविधाएं।