Head Constable Promotion Ban: राजस्थान के पुलिसकर्मियों को एक बड़ी राहत देते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल अब कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया गया है। आपको बता दें की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को अंतिम निर्णय आने तक याचिका कर्ताओं के लिए पद रिक्त रखने के भी निर्देश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
मामले के पृष्ठभूमि
आपको बता दें की यह आदेश न्यायमूर्ति सुदेश बंसल ने तेजराम व बाकी द्वारा दायर याचिका पर पारित किया है। याचिका कर्ताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता आर एन माथुर और अधिवक्ता तनवीर अहमद ने यह तर्क दिया है कि 2013-14 में कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति के लिए मूल रूप से लगभग 425 पद निर्धारित किए गए थे। इसी के साथ इन पदों को भरने के लिए पदोन्नति प्रक्रिया के लिए कांस्टेबल की संख्या से 3 गुना अधिक संख्या में उम्मीदवारों को बुलाया गया था। इस बीच याचिका कर्ताओं ने दावा किया कि पदों का सही निर्धारण नहीं किया गया था, जिसकी वजह से पदोन्नति के अवसरों से वंचित रह गए।
संशोधित पदोन्नति सूची और न्यायालय की टिप्पणियां
आपको बता दें की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता भुवनेश शर्मा ने पदोन्नति प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने का अनुरोध किया। किसी बीच न्यायालय को यह बताया गया कि प्रारंभिक रूप से निर्धारित 425 पदों के बजाय 445 पदों के लिए संशोधित पदोन्नति की सूची को तैयार किया गया है। इस मामले की समीक्षा करने के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य को पदोन्नति प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दे दी है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है की याचिका कर्ताओं को दोबारा परीक्षा नहीं देनी होगी।
आदेश का प्रभाव
इस आदेश के बाद एक दशक से भी अधिक समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं कांस्टेबल को काफी फायदा होगा। न्यायालय का यह फैसला निश्चित करता है की याचिकाकर्ताओं के हित सुरक्षित रहें।