Thyroid in Pregnant Women: आज पूरी दुनिया ने विश्व थायराइड दिवस मनाया है। लेकिन इसी बीच चिंताजनक स्वास्थ्य प्रवृत्ति सामने आए हैं। राजस्थान में महिलाओं में थायराइड की बिमारी काफी तेजी से पाई जा रही है। खासकर के गर्भवती महिलाओं में। हाल ही के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में लगभग 16% गर्भवती महिलाएं थायराइड से ग्रस्त है। आईए जानते हैं ऐसे जुड़ी हुई सभी मुख्य बातें।
गर्भवती महिलाओं में थायराइड की बढ़ती समस्या
यह समस्या महिलाओं में काफी आम हो गई है । 15.17% महिलाएं राजस्थान में थायराइड से पीड़ित पाई गई है । जिसमें से 1.28% हाइपोथाइरॉएडिज्म, 4.79 प्रतिशत सबक्लीनिकल हाइपोथाइरॉएडिज्म जैसी बीमारियों से ग्रस्त है।
गर्भावस्था में थायराइड का प्रभाव
दरअसल थायराइड स्वास्थ्य एक महिला की गर्भधारण करने और स्वास्थ्य गर्भ अवस्था को पूर्ण अवधि तक ले जाने की क्षमता में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके द्वारा उत्पादित हार्मोन शरीर में लगभग हर प्रणाली को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं जिसमें प्रजनन और मेटाबॉलिक कार्य शामिल है। थायराइड हार्मोन की कमी से बांझपन, गर्भपात और गर्भकालीन उच्च रक्तचाप के साथ-साथ एनीमिया और जन्म के समय कम वजन के साथ बच्चे में विकास संबंधित देरी जैसी गंभीर जटिलताएं देखने को मिल सकती हैं।
सिर्फ कमी ही नहीं बल्कि हाइपर थाइरॉएडिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन होना भी उतना ही खतरनाक है इस अवस्था में उच्च रक्तचाप और समय से पहले जन्म के साथ-साथ नवजात शिशु में जन्मजात हृदय संबंधित समस्याओं का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
कैसे बचे इस गंभीर बीमारी से
इससे बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान थायराइड स्वास्थ्य को बनाए रखना काफी ज्यादा जरूरी है। इसके लिए नियमित रूप से रक्त प्रशिक्षण हार्मोन के स्तर को ट्रैक करें । थायराइड विकारों से पीड़ित महिलाओं को या सलाह दी जाती है कि डॉक्टरों द्वारा बताई गई सभी दावों को ध्यान से लें। इसके अलावा आयोडीन संतुलित आहार जैसे की डेयरी, मछली, अंडे जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें । इसी के साथ नमक भी आयोडीन युक्त ही लें।
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