Ajmer Heatwave: अजमेर में गर्मी ने हाल बेहाल किया हुआ है। हालांकि शुक्रवार को सुबह हल्की बूंदाबांदी भी हुई थी। इसके बावजूद भी मौसम में कोई भी राहत नहीं मिली। जल्द ही सूरज सिर पर चढ़ आया जिससे तापमान 43 डिग्री सेल्सियस हो गया। इतनी भयंकर गर्मी की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर भी काफी बुरा असर पड़ा।
अस्पतालों में डायरिया और हीट स्ट्रोक के मामलों में हुई वृद्धि
तापमान के बढ़ने के साथ-साथ जेएलएन और निजी सुविधाओं सहित पूरे शहर के अस्पतालों में डायरिया, डिहाईड्रेशन, पेट दर्द और हीट स्ट्रोक से ग्रस्त रोगियों की भीड़ इकट्ठी हो गई। दिन के दौरान सुबह दस बजे से शाम के पांच बजे तक 131 मरीज अस्पताल में आए और रात को तो यह संख्या बढ़कर 237 हो गई। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि 637 से ज्यादा मरीज ओपीडी में भी गए। चिंता की बात यह है कि इनमें से लगभग 90% मामले डायरिया या हीट स्ट्रोक के थे।
नौतपा की वजह से चिकित्सा तैयारी में हुई तेजी
अगले दो दिनों के भीतर नौतपा शुरू हो जाएगा। इन दिनों गर्मी अपनी चरम सीमा पर होती है। इसी बीच जेएलएन मैं प्रशासन द्वारा विशेष तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अब कैजुअल्टी विभाग में सभी शिफ्ट में और अधिक कर्मचारी मौजूद रहेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आपातकालीन इकाइयों में बर्फ की स्लैब, ग्लूकोज और जीवन रक्षक इंजेक्शन जैसी जरूरत की चीजें भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहेंगी। इसी के साथ रोगियों की भर्ती संख्या को प्रबंध करने के लिए ज्यादा ट्रोलियों, बिस्तर और बैंच की भी व्यवस्था है।
कैसे बचाएं खुद को डायरिया से
सबसे पहले तो आपको स्वच्छता और आहार संबंधी आदतों के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं। साथ ही सड़क किनारे विक्रेताओं से बर्फ या पानी आधारित पेय पीने से बचें। इसी के साथ घर पर फलों और सब्जियों को हमेशा साफ पानी से धोकर ही खाएं।
इस तपती गर्मी में हाइड्रेशन बनाए रखना काफी जरूरी है। इसीलिए ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन, नमक और चीनी के साथ नींबू पानी, छाछ और तरबूज और खीरे जैसे मौसमी फल का सेवन नियमित रूप से करें। इसी के साथ व्यक्तिगत स्वच्छता भी काफी ज्यादा जरूरी है। खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद साबुन से हाथ जरूर धोएं।
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