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Rajasthani Painter: निहालचंद अपनी बनी ठनी पेंटिंग जिसे भारतीय मोनालिसा भी कहा जाता है के लिए दुनिया भर में मशहूर है। आईए जानते हैं उनसे जुड़ी हुई कुछ मुख्य बातें।

Rajasthani Painter: निहाल चंद एक बहुत ही प्रसिद्ध चित्रकार और कवि थे। उन्होंने अपनी अनूठी शैली से भारतीय कला पर एक गहरी छाप छोड़ी। निहाल चंद राजा सावंत सिंह के शासनकाल के दौरान किशनगढ़ के शाही दरबार में मुख्य कलाकार के रूप में काम करते थे।  

भारतीय मोनालिसा 

यूं तो निहालचंद ने कई पेंटिंग्स बनाई लेकिन उनमें सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित पेंटिंग थी 'बनी ठनी'। इस पेंटिंग को भारतीय मोनालिसा भी कहा जाता था। इस पेंटिंग में निहाल चंद ने बनी ठनी को राजा के साथ चित्रित किया, जिसमें दोनों राधा कृष्ण के रूप में दिखाए गए हैं। इस पेंटिंग को राजस्थानी लघु चित्रकला के बेहतरीन उदाहरण में गिना जाता है। हालांकि शैली के हिसाब से यह बड़ी थी जिसका मैप लगभग 19 गुना 14 इंच था।

इसी के साथ राजा सावंत सिंह और विष्णु प्रिया जो की एक नौकर और दरबारी गायिका थी के बीच के रिश्ते ने निहालचंद की कला को प्रेरित किया।  निहालचंद ने उनकी प्रेम कहानी को अपनी कृतियों में दिव्य दर्जा दिया। निहालचंद ने अपनी पेंटिंग्स में राजा को हमेशा नीली त्वचा वाले कृष्ण के रूप में दर्शाया और विष्णुप्रिया को राधा के रूप में।

निहाल चंद की विरासत

निहालचंद का काम आज भी पूरे भारतवर्ष में सराहा जाता है। उनकी पेंटिंग्स न केवल सुंदरता बल्कि भक्ति प्रेम और आध्यात्मिकता की भी प्रतीक थी। वे अपनी पेंटिंग्स के जरिए राजस्व और आध्यात्मिकता को एक साथ ले आते थे। उन्होंने राजस्थान इतिहास की सबसे प्रसिद्ध कलाकृतियां बनाई। निहाल चंद की यह चित्रकला लघु चित्रकला का प्रतीक बन गई। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इसे  भारत सरकार द्वारा जारी एक स्मारक डाक टिकट पर भी छापा गया। किशनगढ़ चित्रकला ने 18वीं शताब्दी में अनूठी शैली के लिए अपनी अलग पहचान बनाई।

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