Rajasthan Museum: यूं तो राजस्थान में कई घूमने की जगह हैं लेकिन अलवर की एक जगह है अपने ऐतिहासिक संग्रह की वजह से मशहूर है। हम बात कर रहे हैं अलवर संग्रहालय की। इस संग्रहालय का निर्माण महाराजा तेज सिंह द्वारा 1940 में करवाया गया था। यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा संग्रहालय है। आईए जानते हैं इस संग्रहालय की खास बातें।
कला और कलाकृतियों का शाही संग्रह
इस संग्रहालय में संस्कृत, फारसी, उर्दू और हिंदी में लिखी प्राचीन पांडुलिपियों मौजूद हैं। आपके यहां पर बाबरनामा, अकबरनामा और अन्य मुगल युग की पुस्तक भी मूल प्रतियों के रूप में देखने को मिल सकती है। इस संग्रहालय में राजपूत और मुगल युग के लघु चित्र, हाथी दांत, मिट्टी के बर्तन और धातु से बनी स्थानीय रूप से तैयार की गई वस्तुएं भी मौजूद हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि महाराजा जय सिंह द्वारा इंग्लैंड से आयातित गियर और ब्रेक वाली साइकिल के साथ-साथ जर्मन सिल्वर से बनी चांदी की मेज भी मौजूद है।
हथियारों का शानदार संग्रहालय
इस संग्रहालय में भारत में भी सबसे बड़े हथियारों का संग्रह है। यानी कि इतनी बड़ी मात्रा में हथियार इस संग्रहालय के अलावा कहीं भी मौजूद नहीं है। इस संग्रहालय में राजाओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली तलवार, पिस्टल, राइफल, ढाल जैसी कई चीजे मौजूद हैं।
क्या है प्रवेश शुल्क
पूरे साल दुनिया भर से पर्यटक इस संग्रहालय में आते हैं। संग्रहालय का प्रवेश शुल्क मात्र ₹20 है। मात्र इतनी सी राशि में इतिहास प्रेमी, परिवार और छात्रों के लिए यह एक शानदार अनुभव प्रदान करता है । इस संग्रहालय में सिक्के, पांडुलिपि, और हस्त निर्मित वस्तुएं मौजूद हैं।
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