AI Will Stop Cyber Fraud: ऑनलाइन किए जा रहे ठगी को रोकने के लिए देश में पहली बार एआई का उपयोग किया जा रहा है। इसकी शुरुआत राजस्थान के जयपुर रेंज से होने वाली है। इस एआई सॉफ्टवेयर के जरिए उन तमाम सोशल मीडिया अकाउंट और फोन नंबर की जांच कर उसे ब्लॉक किया जा रहा है, जिसके द्वारा ठग फ्रॉड को अंजाम देते हैं।
सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाता है डेटा
यह अहम पहल भारत सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेटर सेंटर आई4सी ने की है। आई4सी ने एआई टेक्नोलॉजी से लैस आई-कैट सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो किसी भी क्षेत्र में ऑनलाइन ठगी और फ्रॉड की घटना को अंजाम दे रहे सोशल मीडिया अकाउंट या फोन नंबर की जांच कर उसे ब्लॉक करने का काम करेगा। इसके लिए पुलिस के द्वारा इसमें सारे कांटेक्ट नंबर का डाटा इकट्ठा किया जाता है।
जयपुर रेंज के इन जिलों से शुरुआत
उसके बाद यह सॉफ्टवेयर खुद उसमें से चुनाव करता है कि किस-किस नंबर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है, जो कि फ्रॉड में शामिल है। नंबर डिटेक्ट कर उसे ब्लॉक कर दिया जाता है। इसकी शुरुआत जयपुर रेंज के अलवर, भिवाड़ी और खैरथल तिजारा क्षेत्र में की गई है। राहुल प्रकाश ने इस बात की जानकारी दी है। इसका ट्रायल के लिए इस सॉफ्टवेयर में 3.85 करोड़ मोबाइल नंबर का डाटा अपलोड किया गया।
मेवात से चल रहा ऑनलाइन फ्रॉड का धंधा
इस विश्लेषण में 7.6 लाख संदिग्ध नंबरों की पहचान की गई, इनमें से सबसे हाई सस्पेक्ट स्कोर वाले 4476 नंबर सामने आए, जिसे कि अब ब्लॉक करवा दिया गया है। यह नंबर देशभर के अलग-अलग हिस्सों में ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे थे। इस पहल की शुरुआत जयपुर रेंज से ही इसलिए की गई, क्योंकि राजस्थान का मेवात बीते समय में झारखंड के जामताड़ा को पछाड़कर ऑनलाइन ठगी में सबसे प्रथम स्थान पर आ गया था। इस बात की जानकारी आईजी राहुल प्रकाश ने दी है।
ये भी पढ़ें:- राजस्थान का पहला शहर बना उदयपुर, जहां यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटो पर लगेंगे विशेष स्टिकर