Mumal And Mahendra Love Story: राजस्थान के मरुभूमि के मध्य में स्थित जैसलमेर, जो अपनी नक्काशीदार हवेलियों, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए विख्यात है। जैसलमेर का किला, जिसका निर्माण पीले बलुआ पत्थरों से हुआ है, डूबते हुए सूरज की रोशनी में सुनहरे रंग सा प्रतीत होता है। इस शहर ने कईं प्रेम कहानियों को अपने अंदर संजोए रखा है और आज भी यह प्रेम कहानियां लोक कथाओं के माध्यम से जीवित हैं। ऐसी ही एक प्रेम कहानी है, मूमल और महेंद्र की।
सुंदरता ऐसी कि मूमल को मरुधरा की मोनालिसा कहा जाता है
जैसलमेर की प्राचीन राजधानी लोद्रवा की रहने वाली राजकुमारी मूमल, जो पूरे राज्य में अपनी बुद्धिमत्ता और सुंदरता को लेकर प्रसिद्ध थीं। उनके सौंदर्य के चर्चे दूर दूर तक चल रहे थे। मूमल जिस किले में निवास करती थीं। आज यह किला इनकी प्रेम कहानी को बयां करता है।
महेंद्र उमरकोट के राजा
मूमल और महेंद्र की प्रेम कहानी लोक कथा का एक अभिन्न हिस्सा है। उमरकोट (अब पाकिस्तान) के राजा महेंद्र ने जब जैसलमेर की राजकुमारी मूमल की सुन्दरता और बुद्धिमता के बारे में सुना तो, राजा उनसे मिलने के लिए व्याकुल हो उठे और मूमल की एक झलक देखने के लिए निकल पड़े। उमरकोट के जटिल रास्तों की चुनौतियों को पार करते हुए और रेगिस्तान की कठिनाइयों का सामना करते हुए लोद्रवा पहुंचे।
सात पत्नियों ने रची साजिश
राजा महेंद्र की सात पत्नियां थीं। जब उन सातों पत्नियों को राजा के इस प्रेम के बारे में पता चला, तब इन सातों ने राजा को रोकने की साजिश रची। महेंद्र मूमल से मिलने ना जा सके, इसके लिए उन्होंने मिलने के सभी रास्तों पर पहरा बिठा दिया। लेकिन महेंद्र की सच्ची मोहब्बत के आगे रानियां उसे रोक नहीं पाईं और राजा मूमल से मिलने पहुंच गया। लेकिन उसके पहुंचने तक राजकुमारी सो गई थी।
प्रेम कहानी में आया भयंकर रुख
एक दिन मूमल और सुमल आपस में खेल रही थीं और सुमल खेलते खेलते वहीं मूमल के पास सो गई। सुमल ने पुरुषों के कपड़े पहन रखे थे। जब महेंद्र वहां मूमल से मिलने पहुंचा, तब उसने देखा कि वह किसी पुरुष के साथ है। यह देख वह दुखी होकर वहां से जाने लगा। तब उसका चाबुक टूट कर वहीं गिर गया। राजा ने सोचा कि मूमल ने उसे धोखा दिया है और सुबह उठने के बाद जब मूमल ने फर्श पर पड़े चाबुक को देखा तो, वह समझ गई थी कि राजा उससे मिलने आया था, लेकिन वह बिना मिले ही वहां से चला गया।
राजा को सेवक के माध्यम से मिला संदेश
महेंद्र को लगा कि मूमल ने उसे धोखा दिया है, जिस कारण वह वापस राजकुमारी से मिलने नहीं गया। राजकुमारी राजा को सच्चाई बताना चाहती थी। जिसके लिए उसने बहुत से खत राजा को लिखे, परन्तु यह चिट्ठी राजा तक न पहुंचे उसके लिए रानियां उस खत को फाड़ देती थीं। जिस कारण राजकुमारी ने अपनी दिल की बात बताने के लिए एक सेवक को राजा के पास भेजा। जब यह संदेश सेवक ने गाने के माध्यम से राजा को बताया तब उसे बहुत पछतावा हुआ।
प्रेमिका कर रही पलके बिछाए आपने प्रेमी का इंतजार
राजकुमारी ने एक संदेश राजा को भिजवाया। जिसमें लिखा था कि वह अब उमरकोट आ रही हैं। महेंद्र ने इसके जवाब में संदेश भेजा कि वह खुद वहां आएंगे। उन्हें यहां आने की आवश्यकता नहीं है। राजा का यह संदेश सुन राजकुमारी खुशी से राजा का इंतजार करने लगी।
प्रेम की इस कहानी का हुआ दुखद अंत
राजा मूमल के प्रेम की परीक्षा लेना चाहते थे, जिस वजह से उन्होंने लौद्रवा पहुंच कर राजकुमारी को यह संदेश भेजा कि सांप के डसने से उनकी मृत्यु हो गई। यह संदेश सुन मूमल एक जमीन पर बैठ गई और महेंद्र-महेंद्र नाम पुकार कर अपने प्राण वही गवां दिए। जब राजा को यह सूचना मिली तब राजा को बहुत पछतावा हुआ। उन्हें अंदाजा नहीं था कि एक मजाक मूमल की जान ले सकता है। तभी राजा ने भी इस विरह में प्राण त्याग दिए।
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