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Jaisalmer ka kila: आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं राजस्थान के एक ऐसे किले के बारे में जिसमें आज भी 4000 लोग रह रहे हैं। आईए जानते हैं इस किले से जुड़े हुए इतिहास के बारे में।

Jaisalmer ka kila: राजस्थान अपने इतिहास और शाही विरासत की वजह से दुनिया भर के पर्यटकों को हमेशा से आकर्षित करता आया है। यहां के राजसी किले और महल वीरता, संस्कृति और शाही परंपराओं की कहानियों को बयां करते हैं। इन सबके बीच यहां पर एक ऐसा अनूठा रत्न है जो सबसे अलग है। हम बात कर रहे हैं जैसलमेर के किले की। 

एक ऐसा किला जो बाकी सबसे अलग 

इस किले का निर्माण 12वीं सदी में हुआ था। भारत के बाकी किलों के विपरीत इस किले में आज भी 4000 लोग रह रहे हैं। यह लोग सदियों पहले शासक राजाओं की सेवा करने वाले परिवारों के वंशज हैं। यह लोग आज भी इस किले में बिना किसी किराए के आराम से रह रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि अपनी प्रजा से खुश होकर राजा ने 800 साल पहले उन्हें यह किला एक उपहार के रूप में दे दिया था। बस तभी से पीढ़ी दर पीढ़ी लोग यहां पर रह रहे हैं। 

किले का इतिहास 

इस किले का निर्माण 1156 ईस्वी में राजा रावल जैसल ने करवाया था। उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम पड़ा। यह किला त्रिकूट पहाड़ी पर स्थित है और शहर से ढाई सौ फीट की ऊंचाई पर है। 99 बुर्ज, मोटे बलवा पत्थर की दीवारें और घुमावदार गलियों के साथ यह किला आज भी अपनी ऐतिहासिकता और राजपूत काल का जीता जागता नमूना है। 2013 में इस किले को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित किया गया था। इस किले के अंदर मंदिर, दुकानें,  रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस भी मौजूद है।

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