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Sikar Master Plan: राजस्थान में सीकर मास्टर प्लान को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह पर तंज कसा है। आइए जानते हैं पूरी बात।

Master Plan Of Sikar:  राजस्थान में सीकर मास्टर प्लान के जारी होने को लेकर राजनीतिक वाकयुद्ध शुरू हो चुका है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किए हैं कि यह देरी क्यों हुई।

डोटासरा ने लगाए देरी के आरोप 

डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए कहा की " सीकर में जनता जानना चाहती है। जब यह प्लान अक्टूबर 2023 में बनकर और सरकार से ड्राफ्ट प्रशासन के लिए तैयार था, तो फिर इसके प्रकाशन में 18 महीने की देरी क्यों हुई।"

उन्होंने आगे कहा कि, "सिर्फ माहौल मत बनाइए। आप वही मास्टर प्लान का ड्राफ्ट प्रकाशित कर रहे हैं जो कांग्रेस सरकार के समय तैयार हुआ था। अब कहीं ऐसा ना हो जाए कि आप आपत्तियां सुनकर इसे लागू करने में फिर से डेढ़ साल और लगा दें।"

खर्रा ने  किया पलटवार

मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी सीकर नगर परिषद सभागार में मास्टर प्लान के आधिकारिक विमोचन समारोह में पलटवार करते हुए कहा कि, "कांग्रेस के शासन में तीन बार दिल्ली से पर्चियां आईं। उन्होंने उसी के आधार पर काम किया। अब डोटासरा अपनी देरी का ठीकरा हम पर फोड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि 1998 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने परसराम के नेतृत्व में लड़ा था। लेकिन उस वक्त मुख्यमंत्री कौन बना। पर्ची किसकी आई?"

उन्होंने आगे कहा कि "इसी तरह 2008 का चुनाव सीपी जोशी के नेतृत्व में लड़ा गया। दुर्भाग्य से वह हार गया ‌। उनके बिना सहमति के प्रति फिर आई। अब 2018 का चुनाव पायलट के चेहरे पर लड़ा गया। लेकिन दिल्ली से पर्ची किसी दूसरे को ही आ गई। "

खर्रा ने आगे कहा कि "मेरा भू कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है। मैं स्पष्ट कर देता हूं‌। मैं सिर्फ खेती, पशुपालन और समाज सेवा का काम करता हूं। जो भी लोग भू कारोबार से जुड़े हुए हैं, उन्हीं लोगों का स्वार्थ इस नए ड्राफ्ट प्रशासन से आहत हो रहा है। अब मेरे पास इसका कोई इलाज नहीं है। 

क्या है यह मास्टर प्लान 

यह मास्टर प्लान क्षेत्र में शहरी विस्तार और बुनियादी ढांचे के विकास को विनियमित करना है। शहरी सीमाओं के भीतर 50 नए गांव शामिल किए जाएंगे। इसी के साथ रियल एस्टेट गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ स्वीकृत आवासीय कॉलोनियों को बढ़ाने और लंबे समय से लंबित पेट की मांग को पूरा करने की काफी ज्यादा उम्मीद है।

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