Rajasthan Education: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने स्वास्थ्य विज्ञान में तेजी से हो रहे तकनीकी परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) से संबद्ध 600 कॉलेजों में डिजिटल हेल्थ फाउंडेशन कोर्स (डीएचएफसी) की शुरूआत की है। जिसे मुंबई के कोइटा फाउंडेशन के साथ साझेदारी के माध्यम से आरंभ किया जाएगा। इस कोर्स के आने के बाद राजस्थान में मेडिकल के क्षेत्र में तकनीकी कुशल युवाओं को लाखों रोजगार में समाहित होने का अवसर मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कोर्स का उद्देश्य
राजस्थान सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की मौजूदगी में गुरुवार को आरयूएचएस के कुलपति डॉ प्रो प्रमोद येवले तथा कोइटा फाउंडेशन के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर मीडिया को डीएचएफसी कोर्स की जानकारी देते हुए खींवसर ने कहा कि यह कोर्स युवा मेडिकल छात्रों तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों को डिजिटल हेल्थ टूल्स के बारे में जानने साथ ही उनके प्रभावी उपयोग करने के प्रशिक्षण के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य समय की आवश्यकता के साथ कदमताल करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से हो रहे तकनीकी उन्नयन समावेशी बनाने का समय है।
इन मेडिकल विधाओं में लाएगी तकनीकी कुशलता
प्राप्त जानकारी के अनुसार डीएचएफसी कोर्स को ऑनलाइन संचालित किया जाएगा। विषय विशेषज्ञों के द्वारा इस कोर्स को 13 मॉड्यूल के साथ इसे पूरी सावधानी से आवश्यकतानुसार तैयार किया गया है। इस कोर्स के अंतर्गत छात्र आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ ही हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम, पर्सनल हेल्थ टेक्नोलॉजी, पब्लिक हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड तथा टेलीमेडिसिन जैसे विषयों में तकनीकी कुशल होने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही वर्चुअल डिजिटल हेल्थ लैब के माध्यम से प्रायोगिक डेमो भी दिया जाएगा। इस कोर्स को पूरा करने के बाद अकेडमिक पॉइंट के साथ प्रमाणपत्र भी प्रदत्त किया जाएगा। बता दें, वहीं स्वास्थ्य कर्मियों इस कोर्स के लिए विश्वविद्यालय की आधिकारिक साइट पर जाकर रजिस्टर्ड कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- Minor Minerals: राजस्थान सरकार ने बढ़ाई रॉयल्टी की दरें, जानें किन खनिजों पर पड़ेगा महंगे होने का असर