Rajasthan Elections: राज्य चुनाव आयोग द्वारा उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद राजस्थान में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की तैयारी को शुरू कर दिया गया है। अगले 10 दिनों के भीतर लगभग 11 हजार पंचायतों और डेढ़ सौ से अधिक शहरी निकायों में चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी।
एसईसी ने कार्रवाई शुरू की
राज्य चुनाव आयुक्त मधुकर गुप्ता के मुताबिक उन निकायों के लिए चुनाव किए जाएंगे जिनका 5 साल का कार्यकाल समाप्त हो चुका है या फिर 2 महीने के अंदर समाप्त होने वाला है। उन्होंने आगे बताया कि कानून में स्पष्ट रूप से किसी निकाय के गठन के 5 साल के भीतर चुनाव कराने का प्रावधान है। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक जैसे बाकी राज्यों में भी स्थानीय चुनाव कराने में देरी हुई है। इतना ही नहीं बल्कि यहां संबंधित उच्च न्यायालय और यहां तक की सर्वोच्च न्यायालय को भी हस्ताक्षर करना पड़ा। उन्होंने बताया कि राजस्थान इस तरह के कानूनी हस्तक्षेप का सामने करने वाला एकमात्र राज्य नहीं है।
वन स्टेट वन इलेक्शन अभी संभव नहीं
राज्य चुनाव आयुक्त द्वारा एक राज्य एक चुनाव पर चल रही बहस का जवाब देते हुए मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत इस विचार को अव्यावहारिक बताते हुए खारिज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी संविधान के संशोधन की जरूरत होगी।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले पर सामूहिक निर्णय लेने वाली है। उन्होंने आगे कहा कि सामूहिक रूप से लिए गए निर्णय के मुताबिक ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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