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Password Leak: लगातार बढ़ती नई टेक्नोलॉजी के साथ साथ साइबर क्राइम का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक डेटा ना केवल लीक करने के लिए किया जाता है बल्कि इसका इस्तेमाल बड़े हमलों जैसे फिशिंग, आइडेंटिटी थेफ, अकाउंट टेकओवर के लिए भी किया जाता है।

Technological News: बढ़ती तकनीकी दुनिया में लगातार साइबर खतरा बढ़ता जा रहा है। हाल ही में जारी एक आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में 16 अरब से अधिक पासवर्ड व यूजर डिटेल्स लीक हो चुकी हैं। 

बड़े हमलों में किया जाता है डेटा का इस्तेमाल 

साइबर एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह डेटा ना केवल लीक किया जाता है बल्कि इसका इस्तेमाल बड़े हमलों में भी किया जाता है। इस प्रक्रिया को फिशिंग, आइडेंटिटी थेफ, अकाउंट टेकओवर भी कहा जाता है। ऐसे में यूजर के तौर पर हम खुद को कैसे सेव रख सकते हैं? 

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कैसे होते हैं पासवर्ड लीक?

जानकारी के लिए बता दें कि सबसे अधिक लॉगिन आईडी, पासवर्ड व अन्य संवेदनशील जानकारियां हैं। यह जानकारियां Infostealer Malware के माध्यम से चुराया जाता है। इससे प्रभावित प्लेटफॉर्म में एप्पल, गूगल, फेसबुक, सरकारी पोर्टल्स शामिल हैं। यह लीक आपकी पहचान की चोरी, सोशल मीडिया अकाउंट हैक जैसे अपराधों का जरिया बन सकता है। 

बचने के लिए करें ये तीन काम 

1. यदि आप साइबर अपराधों से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले हर वेबसाइट व ऐप के लिए विभिन्न पासवर्ड रखें। इसके लिए आप किसी भरोसेमंद पासवर्ड मैनेजर की भी मदद ले सकते हैं। दरअसल, लोक एक ही पासवर्ड हर जगह रखते हैं, जिससे यदि कोई एक साइट हैक होती तो वहीं से आपका पासवर्ड लीक होता है। इसके बाद हैकर उसी पासवर्ड को बाकी सभी साइट्स पर आजमाते हैं। 

2. दूसरा जितने भी एप्स या अकाउंट्स मल्टी फैक्टर ऑथेटिकेशन का सपोर्ट करते हैं जैसे जीमेल, फेसबुक आदि, वहां मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें। इससे यदि किसी ने आपका पासवर्ड चुरा भी लिया, तब उसके पास आपका मोबाइल या ओटीपी ऐप नहीं है तो वह इसे लॉगिन नहीं कर सकेगा। 

3. तीसरा अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स में login alerts या unauthorized activity ऑन करें। इससे यदि एक प्लेटफॉर्म पर डेटा ब्रीच हुआ, तो उससे बाकी पर्सनल जानकारी भी जल्दी एक्सपोज हो सकती है, इसलिए ऑनलाइन अकाउंट्स पर ध्यान रखें।

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