Indira Priyadarshini Award Yojana: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार योजना में एक बार फिर से बदलाव हुआ है। इस योजना से हर साल लगभग 1300 मेधावी छात्राओं को लाभ मिलता था। लेकिन अब इसका नाम बदलने के साथ-साथ पुरस्कार राशि में भी भारी कटौती की गई है और साथ ही स्कूटी पुरस्कारों को भी समाप्त कर दिया गया है।
नाम परिवर्तन और पुरस्कार में कमी
गहलोत सरकार द्वारा अपने मूल नाम पर बहाल किए गए इस पुरस्कार को अब फिर से पद्माक्षी पुरस्कार कहा जाएगा। जहां पहले कक्षा 8 की छात्राओं को ₹40 हजार दिए जाते थे अब ₹25 हजार दिए जाएंगे। इसी के साथ कक्षा 10 की छात्राओं को जहां पहले ₹75 हजार मिलते थे अब ₹50 हजार दिए जाएंगे। इसी के साथ कक्षा 12 की छात्राओं को जहां पहले एक लाख के साथ एक स्कूटी भी दी जाती थी अब मात्र ₹75 हजार दिए जाएंगे।
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि 12वीं कक्षा के टॉपर के लिए स्कूटी पुरस्कार भी समाप्त कर दिया गया है और साथ ही अब वितरण समारोह बसंत पंचमी के दिन आयोजित किया जाएगा।
पात्रता और दायरा
इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए छात्रों को 60% या फिर नौ सीजीपीए से अधिक अंक प्राप्त करने होंगे। इस योजना का लाभ सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, अल्पसंख्यक, गरीबी रेखा से नीचे और विकलांग छात्राएं उठा सकती हैं। इसी के साथ छात्राओं को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 8, 10 और 12 में होना चाहिए। संस्कृत शिक्षा विभाग के प्रवेशिका और वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा के छात्र भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इसी के साथ स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल के 12वीं विज्ञान के छात्र जिनके अंक नौ सीजीपीए या फिर उससे ज्यादा आए हैं इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। आपको बता दें कि राजस्थान बालिका शिक्षा फाऊंडेशन इस योजना के संचालन और वित्त पोषण का प्रबंध करेगा।
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