Chittorgarh Dam Irrigation Project : राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में 117 करोड़ की लागत से 4 बांधों का निर्माण हो रहा है। इन बांधों से खेती के लिए पानी पहुंचाने का काम होगा। इस योजना के अन्तर्गत सौर ऊर्जा प्लांट, पाइप लाइन बिछाने व पानी स्टोरेज करने का प्लांट लगाया जाएगा। इन कामों के पूरा होने में देरी के चलते संबंधित ठेकेदारों पर 2.20 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई जाएगी।
चारों बांधों पर सौर ऊर्जा सिस्टम लगाया जाएगा
इस समय राजस्थान के बाड़ी मानसरोवर बांध, भावलिया बांध, सांकेड़ा बांध व नाका बांध की पानी की व्यवस्था दुरूस्त करने काम जारी है। चारों ही बांधों पर सौर उर्जा पर आधारित फव्वारा तकनीक से सिंचाई के लिए खेतों में पानी भेजा जाएगा। इसके अंतर्गत दो छोटे बांधों का निर्माण भी किया गया है। एक साथ पाइप लाइन बिछाने, सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, पम्पिंग स्टेशन लगाने का काम किया जा रहा है। इन सभी कामों को पूरा करने की निर्धारित समय सीमा पूरी हो चुकी है। खेतों में लगी फसलें और ठेकेदारों की सुस्ती की वजह से काम में देर हो रही है। हालांकि विभाग का कहना है कि करीब 70 से 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। ऐसे में उम्मीद है कि किसानों के खेतों तक नहर का पानी अब अगले साल 2026 से ही पहुंच पाएगा।
बांध बनने से मिलने वाले लाभ
इन बांधों के निर्माण से 25-30% पानी की बचत होगी। सोलर सिस्टम के कारण बिजली की भी बचत होगी। पानी की सप्लाई एक निश्चित समय अवधि पर होगी।
वर्तमान में चल रहे इन बांधों पर काम
रेण का नाका
जिले के करैरा के निकट रेण का नाका बांध बनाया जा रहा है जो सोलर आधारित है। इसकी लागत 75.57 करोड़ रुपए है।
बाड़ी मानसरोवर
निम्बाहेड़ा में बनाए जा रहे बाड़ी मानसरोवर बांध के जरिए खेतों में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जाएगा। इसकी लागत 24 करोड़ रुपए आएगी।
भावलिया बांध
निम्बाहेड़ा में मौजूद भावलिया बांध से जल तंत्र के विकास के लिए काम किया जा रहा है जिसके लिए 6.50 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। संबंधित विभाग के अनुसार यहां 90% काम पूरा कर लिया गया है।
साकेड़ा बांध
आपको बता दें कि उदयपुरा गांव में बांध को तैयार किया जा रहा है। इस पर सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले सिंचाई प्रणाली बनाई जाएगी। इसको बनाने में लागत लगभग 11 करोड़ रुपए का आएगा।
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