Fish Farming in Dams: ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल सरकार राज्य भर के बांधों में मछली पालन को बढ़ावा दे रही है। पारंपरिक रूप से कृषि पर निर्भर राजस्थान के किसान अब मत्स्य विभाग के प्रयासों से जलीय कृषि में भी शामिल हो पाएंगे। इस योजना में मछली पालन के लिए राज्य के 3236 बांधों का उपयोग किया जाएगा।
सीकर जिले में पकड़ी इस योजना ने गति
इस योजना ने सीकर जिले में गति पकड़ ली है। यहां के 101 बांध जो पहले पंचायती राज विभाग के अधीन थे अब सिंचाई विभाग को हस्तांतरित कर दिए गए हैं। इनमें से 36 बांध मछली पालन के लिए उपयुक्त पाए गए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि सिंचाई विभाग के अधीन पहले से ही सात अन्य बांध भी इसी योजना में इस्तेमाल होंगे। इसके बाद सीकर में 43 बांध जलीय कृषि कार्यों के लिए तैयार हो चुके हैं। इसमें डूकिया, गोवटी, नांकल, रेता, सवाईपुरा, सुरेरा, बारां, दीपावास और शिखरगढ़ शामिल हैं।
सिंचाई के लिए भी होंगे बांध इस्तेमाल
जिन बांधों में मछली पालन संभव नहीं है उनमें इकट्ठा हुआ बारिश का पानी पुनर्भरण और आसपास के खेतों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बांधों के इस दोहरे इस्तेमाल से कृषि समुदाय को काफी ज्यादा लाभ होने वाला है।
रोजगार के अवसर होंगे पैदा
इस योजना के बाद से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस प्रक्रिया के दौरान कई स्तरों पर रोजगार पैदा होंगे। जैसे मछलियों की देखभाल से लेकर रसद और वितरण को संभलने तक। अब यह व्यवसाय हजारों लोगों की आय का एक स्रोत बनता जा रहा है। छोटे उद्यमी और सहकारी समितियां सक्रिय रूप से इन अनुबंधों के साथ भाग ले रही हैं।
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