Isarda Drinking Water Scheme : राजस्थान सरकार अपने राज्य के विकास के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है। इसके लिए उसने अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं जारी की हैं। इसी के तहत राज्य को पेयजल की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए राज्य के अनेक जिलों में पेयजल परियोजना पर काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपनी सरकार के संकल्प पत्र को दोहराते हुए राज्य की पेयजल समस्या का हर संभव समाधान करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने लालसोट विधायक रामविलास मीणा के गांव डूंगरपुर में किसान सम्मेलन और ईसरदा पेयजल परियोजना का उद्घाटन करते हुए इस बात को जनता के समक्ष कहा।
दौसा जिले को मिलेगी पानी की समस्या से राहत
350 करोड़ रुपए की लागत वाली ईसरदा पेयजल परियोजना से पूरे दौसा जिले की पेयजल समस्या का समाधान होगा। इसके जरिए लालसोट शहर के 302 गांवों को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। इस योजना के जरिए 8 जलाशयों में पानी पहुंचाया जाएगा और वहां से 5 पंप हाऊस व 47 उच्च कोटि के जलाशयों से 280 किलोमीटर राइजिंग पाइपलाइन तथा 1360 किमी की BDS लाइन के जरिए हर घर में पानी पहुंचाने का काम पूरा किया जाएगा।
प्रदूषित पानी की समस्या
लालसोट क्षेत्र के विधायक रामविलास मीणा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि मोरेल बांध से व्यर्थ बहने वाले पानी को बिनोरी सागर, दक्षिण सागर और राहु वास बांध तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही जयपुर से आ रहे प्रदूषित पानी की समस्या से भी निजात दिलाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने का भरोसा दिलाया और स्पष्ट किया कि ईआरसीपी में हर हालत में इन सभी बांधों को सम्मिलित किया जाएगा। फिलहाल मोरेल बांध में आने वाले प्रदूषित पानी की समस्या को दूर करने के लिए काम जारी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में बारिश से हुए नुकसान पर चिंता जताई और जनता को उसकी भरपाई का आश्वासन भी दिया।
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