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Dahi Halwa: आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं राजस्थान की एक ऐसी डिश के बारे में जिसके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा। हम बात कर रहे हैं दही के हलवे की।

Rajasthan Ka Dahi Halwa: जब भी राजस्थानी मिठाइयों की बात आती है तो सभी बीकानेर के मूंग दाल और गोंद का हलवा के बारे में ही सोचते हैं। लेकिन आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे हलवे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा। हम बात कर रहे हैं दही के हलवे की। आईए जानते हैं इस अनूठी दही आधारित मिठाई के बारे में।

अरब व्यापारियों के आतिथ्य से पैदा हुई मिठाई

इस हलवे का इतिहास 600 से 700 साल पुराना है। मध्यकाल के दौरान अरब के व्यापारिक मसाले को खरीदने के लिए राजस्थान के मेवाड़ और मारवाड़ जैसी जगह की यात्रा करते थे। बदले में भी अपने साथ कई सारे सुख मेवे और अन्य विदेशी सामान लाते थे। इन व्यापारियों को अक्सर महलों में ठहराया जाता था। एक दिन इन व्यापारियों की खातिरदारी करते वक्त एक पाक प्रयोग में दही के हलवे का जन्म हुआ। शाही रसोईया ने अपने विदेशी मेहमानों को खुश करने के लिए बादाम, केसर और घी से बने इस दही आधारित हलवे को तैयार किया।

कैसे बनता है यह हलवा

इस हलवे को बनाने के लिए घी में दही को तब तक धीमी आंच पर पकाया जाता है जब तक की इसका पानी पूरी तरह से उड़ ना जाए। इसके बाद दही  छेना जैसी हो जाती है।  इसमें भुने हुए बादाम का पेस्ट, केसर का पानी और इलायची का पाउडर डाल देते हैं। हलवे को गुड से मीठा किया जाता है और घी के ऊपर तक आने तक पकाया जाता है। जब यह बनकर तैयार हो जाता है तो परोसने से पहले बादाम और पिस्ते से सजाया जाता है।

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