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AI Impact Festival 2025: राजस्थान के छठी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए इस साल 'इंडिया एआई टिंकरप्रेन्योर' समर बूट कैंप की शुरुआत की गई है। इसके तहत स्टूडेंट्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी टेक्नोलॉजी व टूल्स को सिखाया जाएगा।

AI Impact Festival 2025: राजस्थान के स्कूली बच्चों के लिए इस साल 'इंडिया एआई टिंकरप्रेन्योर' समर बूट कैंप की शुरुआत की गई है। इससे बच्चे गर्मी की छुट्टियों का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकेगें। इसमें छठी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा के बच्चे भाग ले सकते हैं। इस बूट कैंप का उद्देश्य बच्चों को एआई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी देना और उन्हें इससे जुड़े टूल्स को सिखाना है। 

अटल इनोवेशन मिशन के तहत शुरू किया गया है कैंप 

गुरुवार को नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के तहत 'इंडिया एआई टिंकरप्रेन्योर' समर बूट कैंप शुरू किया गया है। 15 जुलाई तक चलने वाले इस कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी टेक्नोलॉजी व टूल्स को सिखाया जाएगा। साथ ही प्रोडक्ट या सॉल्यूशन बनाने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद 16 जुलाई से 'एआई इम्पैक्ट फेस्टिवल' शुरू किया जाएगा, जिसमें बच्चों को अपने अपने प्रोजेक्ट जमा करने होंगे। साथ ही इनोवेटिव प्रोजेक्ट को ज्यूरी के सामने पेश किया जाएगा।

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10 कोर सेशन और 2 मास्टर क्लास 

इस बूट कैंप में बच्चों को एआई के बारे में बताने के लिए 10 कोर सेशन लिए जाएगें। साथ ही 2 मास्टर क्लास भी आयोजित कराई जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को हाइब्रिड एआई के बारे में बताना है जिससे आगे भविष्य वे इसका फायदा उठा सके। इसके अलावा उन्हें फिजिकल प्रोडक्ट से जुड़ी स्किल्स सिखाई जाएगी। अंत सभी छात्रों को अपने इनोवेटिव आइडिया को सामने रखना होंगे, जिसमें उन्हें आंत्रप्रेन्योरशिप की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। 

इन तीन चरणों में आयोजित होगा बूट कैंप 

रीजनल मेंटर ऑफ चेंज आशीष कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि इस साल आयोजित होने वाले इस बूट कैंप को तीन भागों में बांटा गया है। जिसके पहले चरण में बच्चों को एआई व आंत्रप्रेन्योरशिप की ट्रेनिंग दी जाएगी, दूसरे चरण के दौरान इंडस्ट्री एक्सपर्ट मेंटर्स से मिलने और बात करने का मौका मिलेगा और तीसरे व आखिरी चरण में सभी बच्चों को अटल इनोवेशन मिशन की ओर से सर्टिफिकेट भी प्रदान किए जाएगें। इतना ही नहीं छात्रों को दी गई ट्रनिंग व स्किल्स के आधार पर एआई आधारित प्रोडक्ट भी बनाने होगें, फिर चाहे एप्लिकेशन, गेम, डिवाइस या बॉट प्रोटोटाइप।

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