Rajasthan Marwari Rituals: राजस्थान में शादियों को निभाने की अपनी खास मान्यताएं हैं, जिनको बड़े धूम धाम के साथ मनाया जाता है। राजस्थान में जब भी शादियों का जिक्र आता है, तब लोगों के दिमाग में केवल मारवाड़ियों का ही ख्याल आता है। मारवाड़ी लोग अक्सर अपनी शादियों की विशेष रस्मों और रीति रिवाजों के लिए जाने जाते हैं। मारवाड़ी लोग वैसे तो हिसाब में खरे होते हैं, लेकिन शादियों में बिना सोचे पैसे खर्च करते हैं।
मारवाड़ी शादी की रस्में
राजस्थान में मारवाड़ी लोग अपनी शादियों में सभी परंपराओं को निभाते हैं, जहां आज के समय में लोगों की शादियां तीन दिन में ही समाप्त हो जाती हैं। वहीं राजस्थान के मारवाड़ी लोगों द्वारा अपनी शादी की परंपराओं को 15 दिनों तक निभाया जाता है, ये शादी के कई महीनों पहले से ही शादी की तैयारी करना शुरू कर देते हैं। इतनी लम्बी शादी चलने का सबसे मुख्य कारण इनकी अनोखी परंपराएं और रीति रिवाज हैं, तो आइए इनकी शादी की अनोखी परंपराओं को जानते हैं।
लगन की रस्म
राजस्थान में मारवाड़ी लोग सबसे पहले शादी की शुभारंभ लगन पत्रिका की रस्म से करते हैं, इस पत्रिका में शादी की सभी शुभ तारीख लिखी जाती हैं। जिसमें शादी के कार्ड के रूप में दुल्हन की तरफ से दूल्हे के घर ये लगन पत्रिका के रूप में भेजा जाता है।
खल मिट्टी रस्म
इस रस्म में घर की बहन बेटियों द्वारा उनकी पूर्वजों की भूमि पर जाती हैं, इसके बाद उस भूमि की पूजा करके उसकी मिट्टी को खोदा जाता है। इस मिट्टी को लाते समय इसके पारंपरिक गीत गाए जाते हैं, इस मिट्टी का घर की सुहागिन औरतों द्वारा चूल्हा, तुलसी की क्यारी और भी कई तरह की चीजें बनाई जाती हैं। इनको बनाना उनकी परंपरा का एक हिस्सा है, जिसको वो हमेशा सजोकर रखते हैं।
माता को मेहंदी चढ़ाने की रस्म
इस रस्म में घर की औरतों द्वारा शीतला माता के मंदिर में जाकर शगुन की मेहंदी चढ़ाई जाती है, जिसके बाद उस मेहंदी को दुल्हन के हाथों में लगाया जाता है। इसके दूसरे दिन फिर पूरा परिवार माता के मंदिर जाता है, इसको करने को लेकर उनका मानना है कि माता खुद आपके वैवाहिक जीवन को सुखी रखेगी।
धोली कलश रस्म
मारवाड़ियों की इन रस्मों में एक धोली कलश रस्म होती है, जिसमें घर की बहन बेटियों द्वारा ढोल नगाड़ोकरे साथ अपनी खानदानी कुम्हार के पास जाकर मिट्टी के कलश सिर पर लाने की रस्म है। इस रस्म को माता का रूप माना जाता है, इसलिए इसे गहनों और चुनरी से सजाया जाता है।
इस कलश को घर के दामादों द्वारा अपनी अपनी पत्नियों के कलश उतरवाए जाते हैं, इन कलश को शादी के मंडप में लगाया जाता है। इस दिन मामा द्वारा भात भरा जाता है, जिसमें मामा अपनी बहन के घर भात के रूप में गिफ्टलाताजाता हैं।
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