Rajasthan News: परिवहन विभाग की सख्त कार्रवाई के विरोध में प्रदेशभर के स्लीपर बस ऑपरेटरों ने शुक्रवार आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल के चलते करीब 8 हजार स्लीपर बसों का संचालन ठप हो गया है, जिससे करीब 3 लाख यात्रियों की यात्रा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। अकेले जयपुर में ही लगभग एक हजार बसें सड़कों से गायब हैं, जिससे आमजन को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बस ऑपरेटरों का कहना है कि विभाग एकतरफा कार्रवाई कर रहा है और उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही।
चेंकिग के नाम पर किया जा रहा शोषण
बस ऑपरेटरों की नाराज़गी की जड़ 29 अक्टूबर को परिवहन विभाग का जारी हुआ वह आदेश है, जिसे वे अनुचित बता रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि हाल के दिनों में चेकिंग के नाम पर बसों पर भारी जुर्माने लगाए जा रहे हैं और कई वाहनों को जब्त कर लिया गया है। ऑपरेटरों का तर्क है कि नियम तोड़ने पर सजा देने से बेहतर होता कि सुधार का मौका दिया जाता, ताकि परिवहन सेवाएं बाधित न हों और यात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
हड़ताल से राजस्थान सहित अन्य राज्यों के बीच बस सेवा ठप
संगठन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने यात्रियों के आज सुविधा के लिए खेद जताया है। हड़ताल के चलते राजस्थान से दूसरे राज्य जाने वाली बस भी प्रभावित होंगे। अगर सरकार और बस ऑपरेटरों के बीच समन्वय नहीं बनता तो यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
ऑपरेटर एसोसिएशन के नेतृत्व में बैठक
ऑपरेटर एसोसिएशन के नेतृत्व में बैठक की गई। संगठन के अध्यक्ष और महासचिव का कहना है कि परिवहन विभाग का यह कार्रवाई एक तरफा है। बैठक में हड़ताल करने की घोषणा की गई। आपको बता दें कि स्टेज कैरिज यानी सिटिंग बस संचालकों ने भी 3 नवंबर से हड़ताल की बात कही है।
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