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Tulsi Vivah Upay : हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत शुभ और पवित्र माना गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी के बाद तुलसी विवाह किया जाता है। आपको बता दें कि तुलसी विवाह में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Tulsi Vivah Upay : तुलसी विवाह का त्यौहार हिंदू परंपरा में अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह त्यौहार कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी के बाद आता है, जब भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु माता तुलसी से विवाह करते हैं। इस शुभ अवसर पर, हर घर में तुलसी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से समृद्धि, सुख और समृद्धि का निरंतर प्रवाह बना रहता है।

इन उपायों में से एक है "धन की शुभ पोटली", जिसे तुलसी विवाह के दिन घर के मुख्य द्वार पर बांधना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह छोटी सी पोटली न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखती है, बल्कि घर में देवी लक्ष्मी का वास भी बनाए रखती है। इस पोटली में रखी वस्तुएँ प्रतीकात्मक रूप से धन, सौभाग्य और सकारात्मकता को आकर्षित करती हैं। आइए इस लेख में इसे बनाने की विधि और इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानें।

तुलसी विवाह का महत्व

तुलसी विवाह के दिन विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किए जाते हैं। इस अवसर पर महिलाएँ पारंपरिक परिधान पहनती हैं, तुलसी मंडप सजाती हैं और तुलसी को सुहाग की सभी वस्तुएँ अर्पित करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थिरता बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। कुछ लोग देवउठनी एकादशी को ही तुलसी विवाह करते हैं, जबकि कई जगहों पर यह अगली द्वादशी को किया जाता है। धार्मिक दृष्टि से दोनों ही दिन समान रूप से शुभ माने जाते हैं।

तुलसी विवाह के दिन करें यह शुभ उपाय

तुलसी विवाह के दिन, यानी 2 नवंबर को, अपने घर के मुख्य द्वार पर धन की पोटली बाँधने से साल भर आर्थिक स्थिरता बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि यह उपाय घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सौभाग्य का मार्ग प्रशस्त करता है।

यह पोटली घर के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। अगर आपको अक्सर आर्थिक तंगी या अनावश्यक खर्च का सामना करना पड़ता है, तो यह उपाय काफी कारगर साबित हो सकता है। बस ध्यान रखें कि पोटली तैयार करने के बाद, इसे एक साल तक मुख्य द्वार पर बाँधकर रखें।

पोटली बनाने की विधि

1. तुलसी विवाह के दिन एक साफ़ लाल कपड़ा लें।

2. तुलसी के पौधे की जड़ निकालकर उसे गंगाजल से अच्छी तरह धो लें।

3. 11 अक्षत लें।

4. एक रुपये का सिक्का लें और इन सभी वस्तुओं को एक लाल कपड़े में रखकर एक छोटी पोटली बना लें।

5. इस पोटली को मुख्य द्वार के बाईं ओर मज़बूती से बाँध दें।

यह पोटली साल भर घर में शुभ ऊर्जा बनाए रखती है। यह न केवल नकारात्मकता को दूर करती है बल्कि काम में आने वाली बाधाओं को भी दूर करती है।

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