Mata Sita Temple: राजस्थान का उदयपुर शहर घने जंगलों, झीलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां छह सेंचुरियां स्थित हैं। इन्हीं में से एक है सीतामाता सेंचुरी जहां माता सीता का भव्य मंदिर स्थित है। यहां हर साल मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान विभिन्न राज्यों से भक्त देवी के दर्शन करने पहुंचते हैं।
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लव कुश ने हनुमान को बनाया था बंदी
माता सीता का यह जंगल काफी महत्वपूर्ण है। यहीं माता सीता ने अपना वनवास बिताया था। इसी जंगर में लव कुश जन्म स्थली बनी हुआ है। साथ ही महर्षि विश्वामित्र का आश्रम, लक्ष्मण बावड़ी और 12 बीघा जमीन पर फैला हुआ बरगद हैं जहां माना जाता है कि लव कुश ने भगवान हनुमान को आम के पेड़ से बांधकर बंदी बनाया था। यहां दो पहाड़ियों के बीच ठंडी व गर्म जलधारा बहती है जो कई माननीयों से महत्व मानी जाती हैं। यहां कई लोग माता के दर्शन करने पहुंचते हैं तो वहीं कई सैलानी यहां पिकनिक मनाने भी आते हैं।
इसी जंगल में माता सीता ने बिताएं से कुछ दिन
स्थानीय लोगों के अनुसार माना जाता हैं कि जब रामायण काल के दौरान भगवान राम ने माता सीता को वनवास दिया था तब माता ने अपने वनवास के कुछ दिन इसी जंगल में बिताएं थे। यहां पर स्थित ऋषि वाल्मीकि आश्रम में माता ने अपना समय बिताया था। साथ ही लव-कुश का जन्म भी इसी अभ्यारण में हुआ था। मान्यता है कि माता सीता इस वन के भूगर्भ में समा गई थी।
गर्मी की छुट्टियां बीताने के सबसे अच्छी जगह
उदयपुर के प्रतापगढ़ में स्थित इस मंदिर को हिंदु मान्यताओं से काफी महत्वपूर्ण माना जाता हैं। यह स्थान उड़न गिलहरी के लिए भी फेमस है। यदि आप यहां घूमने आना चाहते हैं तो सबसे पहले उदयपुर पहुंच जाए यहां से बस के माध्यम से प्रतापगढ़ शहर आ जाएं। यहां से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर यह अभयारण्य व मंदिर स्थित है।