Shakambari Mata: राजस्थान के उदयपुरवाटी कस्बे से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित अरावली की पहाड़ियों के बीच भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। सिद्ध शक्तिपीठ मां शाकंभरी के इस प्राचीन मंदिर में देश-दुनिया से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर में माता मां शाकम्भरी रूद्राणी व ब्रह्माणी के रूप में विराजमान है। दोनों मूर्तियां के बीच में एक छोटी स्वतः: प्रकट हुई है।
नवरात्रि के दौरान यहां नौ दिन यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती हैं। नवरात्र में माता के इस मंदिर में जात-जड़ूला उतारते है और माता के दर्शन करने के लिए दूर-दराज के इलाके से भक्ता यहां पहुंचते हैं। साथ ही मंदिर के परिसर में जगह-जगह शतचंडी अनुष्ठान होते हैं।
सीकर में स्थित है मंदिर
सीकर जिले में मां शाकंभरी का प्राचीन मंदिर स्थित है। माता दरबार में पहुंचने के लिए भक्त उदयपुरवाटी से सुगम रास्ता बना हुआ है। मंदिर के महंत दयानाथ के मुताबिक सकराय में मौजूद मां शाकंभरी के इस मंदिर के इतिहास से जुड़ी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। इस मंदिर के दिवार पर लगी पट्टिका के अनुसार संवत 751 में तत्कालीन शासकों द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
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सुबह शाम माता को लगाया जाता है भोग
इस मंदिर में माता को सुबह सुबह हलवा पुरी का भोग लगाया जाता है, साथ ही शाम को दूध का भोग लगाया जाता है। मंदिर में हर रोज सुबह साढ़े पांच बजे और शाम को साढ़े सात बजे माता की आरती की जाती है। सर्दी के समय रात को नौ बजे व गर्मी में रात को दस बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। अष्टमी के मौके पर माता का खास मेला लगता है। साथ ही शतचंडी अनुष्ठान होते हैं।
नवरात्र में होती है खास पूजा
नवरात्रि के नौ दिन इस मंदिर में खास पूजा की जाती हैं। दूर-दराज से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। नौ दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती हैं।