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Lunar Eclipse Auspicious Yog: आज साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण लगने से 8 घंटे पहले सुतक काल लग जाता है। इस दौरान कुछ ऐसे कार्य होते हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करने चाहिए। तो आइए इस खबर में उन कार्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Lunar Eclipse Auspicious Yog: पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगेगा। ग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले शुरू हो जाएगा। आचार्य शांतनु पांडे के अनुसार, इस बार सौ साल बाद पितृ पक्ष में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का दुर्लभ संयोग बन रहा है। हालाँकि, सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह विदेशों में दिखाई देगा। उनके अनुसार, पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण रात 9:57 बजे से शुरू होगा और मोक्ष दोपहर 1:27 बजे होगा।

चंद्र ग्रहण रविवार, 7 सितंबर पूर्णिमा को रात 9:57 बजे से शुरू होगा। काशी पंचांग के अनुसार, ग्रहण का सूतक दोपहर 12:58 बजे से शुरू होगा। पूर्णिमा का श्राद्ध दोपहर 12:30 बजे तक कर लें। चंद्र ग्रहण रविवार रात 3.29 घंटे तक रहेगा।

ग्रहण काल ​​में ये करना वर्जित

धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं और न ही पूजा-पाठ, खरीदारी या मंदिर जा सकते हैं। इन कार्यों को वर्जित माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आज यानी 7 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से पहले श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान करना चाहिए इसके साथ ही पवित्र नदियों में स्नान जैसे धार्मिक कार्य संपन्न कर सकते हैं। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

ग्रहण काल में भूलकर न करें ये काम

मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है। ग्रहण काल ​​में सोना, खाना-पीना नहीं चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी नहीं सोना चाहिए। खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए। हालांकि, बच्चे, बूढ़े और रोगी ग्रहण काल ​​से मुक्त हैं।

कब शुरू होगा चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण आज रविवार को रात 9:57 बजे शुरू होगा, जिसका मध्य रात्रि 11:40 बजे और मोक्ष देर रात 1:26 बजे होगा। यानी चंद्र ग्रहण रविवार रात 9:57 बजे से सुबह 1:26 बजे तक तीन घंटे 29 मिनट का रहेगा। सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, बच्चों, बूढ़ों और रोगियों के लिए सूतक काल शाम 6:57 बजे से माना जाएगा। सूतक काल में मूर्ति स्पर्श, पूजा-पाठ, पठन-पाठन, ध्यान, भोजन आदि वर्जित माने गए हैं।

राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा

चूँकि ग्रहण पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में है, इसलिए इस बार ग्रहण की राशि कुंभ मानी जा रही है। इस कारण धनु, कन्या, मेष, वृषभ, तुला राशि वालों के लिए यह ग्रहण लाभकारी रहेगा, जबकि मिथुन, सिंह राशि वालों के लिए यह मिश्रित फलदायी रहेगा, अर्थात मध्यम फल देगा। वृश्चिक, मीन, कुंभ, कर्क, मकर राशि वालों के लिए यह शुभ फल नहीं देगा। अशुभ राशि वालों को यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए। गुरु मंत्र, गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

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