Bikaner Rain Miracle : बीकानेर में जब सूखा पड़ा था। जब यहां के लोग तेज गर्मी और सूखे से बेहाल थे तब लोग राहत की उम्मीद छोड़ चुके थे, उसी समय भगवान जगन्नाथ की विशेष पूजा का आयोजन किया गया। जिससे बीकानेर में झमाझम बारिश हुई। ऐसे तो राजस्थान अपनी ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक परंपराओं के लिए विख्यात है। लेकिन बीकानेर में मौजूद भगवान जगन्नाथ के एक ऐतिहासिक मंदिर से संबंधित कथा प्रचलित है जो भगवान जगन्नाथ और उनके भक्तों के बीच प्रेम को दिखाता है।
मंदिर के पीछे का इतिहास
बीकानेर में भयंकर सूखा पड़ गया था। सूखे के कारण हर जगह त्राहि त्राहि मची थी। जब बीकानेर में सूखा पड़ा था, जगन्नाथ पूरी से भगवान की मूर्ति को यहां लाया गया लेकिन वहां पर जगह नहीं मिलने के कारण मूर्ति को सूरसागर तालाब के पास ही स्थापित किया गया।
भगवान जगन्नाथ की महिमा से बारिश
ये वही समय था जब वहां भयंकर सूखा पड़ा हुआ था। भगवान जगन्नाथ की महिमा से उस स्थान पर लगातार तीन दिन तक बारिश हुई, इतनी मूसलाधार कि सूखा हुआ सूरसागर तालाब पानी से लबालब भर गया। परिणामस्वरूप वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगा। इसे देख तत्कालीन राजा रतन सिंह ने भगवान जगन्नाथ से बारिश रोकने की गुहार लगाई और भगवान ने अपनी कृपा बरसाते हुए बारिश रोक दी।
राजा रतन सिंह ने बीकानेर में स्थापित कराया मंदिर
उपरोक्त घटना के पश्चात् राजा रतन सिंह ने अपने कर्मचारियों से पुरी से आई हुई मूर्ति का पता लगाने को कहा। इसके बाद राजा ने पुरोहितों के निर्देशानुसार वहां भगवान जगन्नाथ के मंदिर की स्थापना करवाई। बाद में समय-समय पर में इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया।
भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं भगवान जगन्नाथ
बीकानेर स्थित भगवान जगन्नाथ के इस भव्य मंदिर में सुबह शाम मिला कर 6 समय आरती होती है। बताते हैं कि यहां प्रतिदिन बहुत से भक्त दर्शन करने आते हैं और भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों का दुख दूर कर उनकी मनोकामना पूरी करते हैं।
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